राम राम साहब!
यहां आकार मन खुश हो गया।
सबसे पहले तो मैं बधाई देता हूं!
जयकिशन जी ने, सुशील जी ने, नरेश जी ने, घनश्याम जी ने, सुंदर जी ने, जयपाल जी ने, बलवीर जी ने, राव जी, जितेंद्र सिंह जी ने, सोमवीर जी ने, महेंद्र जी ने, बहन रीना देवी को, नमन कुमार, मोहम्मद नगर मिर्जापुर, किशन लाल, संजीव कुमार, सुरेंद्र कुमार, अमित, संदीप कौर बहन, अनीता बहन, अनिल कुमार, संदीप और नरेश कुमार।
आप सभी को बधाई दे रहा हूं, आप सबको यह अवार्ड उपराष्ट्रपति निवास में बुलाकर दूंगा।
मेरा आप सबको निमंत्रण है, और मैंने यह थोड़ा बदलाव किया है, आप वहां पर आएंगे, एक-एक विषय की जानकारी है, लोगों को ज्यादा जानकारी मिलेगी, आप लोगों को मोटिवेट करेंगे, इंस्पायर करेंगे।
मैं माननीय कृषि मंत्री जी को कहूंगा, यह काम जल्दी से जल्दी करें और एक महीने के अंदर निश्चित करें। जो भी समय यह तय करेंगे, साथ में भोजन जरूर करेंगे, तब मैं पता लगाऊंगा हरियाणा के दूध में, दही में, घी में ऐसी क्या बात है, कि आप वह कर बैठे हैं जो दुनिया में कोई नहीं कर पाया।
एशियन गेम्स हो रहे हैं और हरियाणा का डंका बज रहा है, पूरे देश में सबसे ज्यादा मेडल आपके हैं। मैं आपको बधाई देता हूं। श्री जेपी दलाल जी, माननीय कृषि मंत्री जी, मैं आपका आभारी हूं कि आपने मुझे ऐसे मेले में बुलाया जहां मेरे को कम से कम दो दिन चाहिए। मैं मेले के साथ न्याय नहीं कर पाया, जो कुछ मैंने देखा बदलते हुए भारत की तस्वीर है, क्या-क्या कुछ लोग नहीं कर रहे हैं कितने कमिटमेंट के साथ, यह मेला बहुत दूर तक फल देगा, गजब ढ़ाएगा इसमें कोई दो राय नहीं है।
डॉ. कमल गुप्ता जी, संक्षिप्त समय में ही पता लग गया आप व्यापारी वर्ग से आने के बावजूद, पूरा परिवार शिक्षा की बुलंदियों पर होने के कारण, देश और दुनिया में नाम कमा रहा है, साधुवाद के पात्र हैं। जनरल वत्स राज्यसभा के सदस्य हैं, सेना में बड़ा नाम कमाया राज्यसभा के बहुत ही जागरूक, अनुभवी, राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखने वाले, जन-कल्याण की चर्चा करने वाले हैं, उनकी उपस्थिति मेरे लिए बहुत मायने रखती है।
श्री विजेंद्र कुमार जी जब बोल रहे थे, आपके उद्बोधन की एक-एक बात भविष्य के निर्माण के लिए है, जो वह बोल रहे थे, वह जमीनी हकीकत का बदलाव था, आने वाले भविष्य की कल्पना थी, और आपके सामने रख रहे थे कि क्या हमने किया, क्या करने जा रहे हैं, और जो करने जा रहे हैं, वह जमीन जमीनी हकीकत कैसे बनेगा, मैं बधाई देता हूं। ऐसे कमिटिड अधिकारी, एक दूरदर्शी वरिष्ठ अधिकारी हैं, उनके प्रयास इस क्षेत्र में एक मूलभूत परिवर्तन लाने की दिशा में हैं।
प्रोफ़ेसर बी आर कंबोज जी वाइस चांसलर ने विस्तार से बताया इन्होंने, ये तो ऐसे विश्वविधालय के कुलपति हैं, जिसका नाम भारत के प्रथम किसान प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर पड़ा। चौधरी साहब ईमानदारी के प्रतीक, चौधरी साहब के चरित्र में कोई मिलावट नहीं थी, चौधरी साहब चौबीस कैरेट गोल्ड थे, चौधरी साहब अपने सिद्धांत से कभी नहीं अलग हुए। उनका दिल और दिमाग किसान के विकास के लिए था, उनके नाम पर यह विश्वविद्यालय है, मैं मानकर चलता हूं यह विश्वविद्यालयऔर कीर्तिमान स्थापित करेगा।
भाई आदित्य चौटाला, आपके मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष हैं। छोटे लगते हैं, उनकी सोच बहुत बड़ी है, बहुत दूर की सोच है, मेरे को मिलने आए उपराष्ट्रपति निवास में। क्या गजब की सोच है, क्या मार्केटिंग का सोच रहे हैं ये, क्या किसान के हित करने की सोच रहे हैं, अंदाजा नहीं लगा सकते हैं। गोवा से एक तालमेल कर रहे हैं कि भाई, आपके यहां जो होता है उसको आप बेच नहीं पा रहे हो, हमारे यहां का कीनू आपके यहां जाएगा... हम यहां बहुत ज्यादा उपयोग नहीं कर सकते तो वहां जाएगा कितना आदान-प्रदान है। मार्केटिंग के मामले में यह बहुत बड़ा काम है आम किसान के फायदे का काम है तो मैं मान के चलता हूं वह जवान छोरा बहुत गुल खिलाएगा, बहुत सेवा करेगा किसान की, बहुत दूर की सोच है, पर कुछ बात में भी करके जाऊंगा।
आज सबसे महत्वपूर्ण मेरे सामने कौन है? मेरे सामने अन्नदाता हैं! मेरे सामने कौन है जो पूजनीय है? मेरे सामने कौन है जो भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है? आपकी बदौलत जो हिंदुस्तान आज से 11 साल पहले दुनिया के 5 उन देशों में था जिनकी चिंता हर देश करता था कि इनका क्या होगा, ब्राजील, भारत, तुर्की, इंडोनेशिया, साउथ अफ्रीका (fragile five)। आपकी बदौलत आपके खून पसीने की बदौलत, आपकी कड़ी मेहनत की वजह से आज हिंदुस्तान दुनिया की पांचवी महाशक्ति है, पांचवी! हम कहां थे? आप यदि अगर बदलाव लाएंगे, आप बदलाव का केंद्र बनेंगे, आप बदलाव को आगे बढ़ाएंगे तो भारत जब आजादी का 2047 में जब शताब्दी वर्ष का जश्न मना रहा होगा तो विश्व में नंबर एक होगा।
मुझे आपसे दो-चार बातें करनी है, आज के दिन करोड़ों के पैकेज वाले आईआईटी छात्र इस्तीफा दे रहे हैं, आईआईएम के छात्र इस्तीफा दे रहे हैं, मोटी मोटी सरकारी नौकरी वाले लोग इस्तीफा दे रहे हैं। क्या करेंगे? दूध का व्यापार, सब्जी का व्यापार, अन्न का व्यापार खाने का... मतलब यह है कि आज के दिन भारत के देश में सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं तो वह कृषि उत्पादन में हैं।
आज किसान क्या देख रहा है? बड़ा भारी बदलाव! भारत के प्रधानमंत्री ने ठान लिया है जो श्रद्धांजलि उन्होंने डॉ. एम एस स्वामीनाथन को दी एक-एक शब्द चुन-चुन कर कहा उस आदमी ने क्या महारत हासिल की थी। अब गेंद किसान के पाले में है किसान का बेटा-बेटी यदि आज के दिन कृषि के उत्पादन के व्यापार में आ जाएगा तो गजब हो जाएगा, बहुत बड़ा बदलाव आएगा। अरे घर में चीज पैदा होती है, खेत खलिहान में पैदा होती है, हम उसको जानते हैं, हम उसका व्यापार क्यों नहीं करें, बहुत बड़ा व्यापार है, बहुत बड़ा वर्ग है।
मैं आपको राय देता हूं, राय का असर 100 साल तक पड़ेगा, खेत में अच्छी पैदा करो, लेकिन पैदावार को, उत्पाद में, बाजार में बेचने का काम भी आप ही करो। खेत में सरसों होती है, किसान के सरसों से तेल कोई और बनाता है। खेत में सब कुछ होता है उसमें जो मूल्य वृद्धि का काम है उसमें पैसे की बढ़ोतरी करने का काम है, सरकार की इतनी दूरगामी नीतियां हैं, योजनाएं हैं, उसमें यदि अगर किसान के बच्चे-बच्चियों पड़ जाएंगे तो किसान का कल्याण हो जाएगा। जो कह रहे हैं कि आय दोगुनी हो रही है, दिन दूनी रात चौगुनी होगी यह बात मेरी मान लो।
एक और बात है किसान के लिए जरूरी है कि वह तकनीक को अपनाए, अपने दिल के करीब ले। मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ किसी ने बयान दे दिया कि मैं तो 10 साल पुराना भी ट्रैक्टर चलाऊंगा, मैंने पूछा भाई क्यों चलाओगे कानून 10 साल पीछे का नहीं चलने देगा। दूसरा बहुत-बहुत बड़ा काम है नए ट्रैक्टर में सरकार की सबसे ज्यादा सब्सिडी है, तेल कम खपत होता है, नई तकनीकी आती है, नई चीजें हम सीखते हैं। हमें एक जगह रुकना नहीं है, हमें लगातार बढ़ता है इसीलिए मैंने कहा था यदि अगर व्यापार में आने का, कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी करने का काम, उसके उत्पाद बनाने का काम, उसकी मूल्य वृद्धि का काम अगर शुरू किया जा सकता है तो वह अभी शुरू हो सकता है।
क्योंकि आपका दूध, घी कमाल का है। दूध, दही, घी में क्या चीज है? भारत का जवान, भारत का किसान भारत के खिलाड़ी, दुनिया में तीनों सबसे आगे हैं। छोटी सी बात देखो पहली बार भारत ने एशियन गेम्स में सेंचुरी मार दी। पहली बार सबसे ज्यादा मैडल आए लेकिन आपके आटे का मेडल एक तिहाई है। पूरा देश दो तिहाई में, एक तिहाई में आप, यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।
मैं बहुत ज्यादा बहुत समय न लेते हुए एक बात यह कहूंगा कि तकनीक और किसान का सदियों से नाता रहा है। किसान ने खुद के बल पर खुद की मेहनत पर इंस्ट्रूमेंट को बदला है, उस में जो उपयोग होते हैं, उनमें सुधार लाया है। अब तो तकनीकी हमारे अपने आप मदद कर रही है मुझे बहुत अच्छी जानकारी दलाल साहब ने दी कि हरियाणा में ड्रोन तकनीक की उपलब्धता बहुत जबरदस्त हो रही है, पर आप निर्णायक बदलाव के केंद्र तब होंगे जब मन में ठान लोगे की छोरा, छोरी नौकरी करना अच्छा है कि हमारे यहां जो सरसों उत्पन्न हुई है कि उसकी फैक्ट्री लगाएगा। हमारे पास एक उत्पादन हुआ है अगर हमारे यहां फल उत्पादन है तो उसकी जूस की फैक्ट्री लगाने की सोचेगा। हमारे यहां अन्न हुआ है दुनिया में उसकी आवश्यकता है, उसका व्यापार आगे बढ़े ज्यादा से ज्यादा आगे बढ़े, इसकी शुरुआत यदि होगी तो मान लीजिए क्रांतिकारी नतीजा आएंगे।
एक बात और आजकल विश्व व्यापार बहुत बढ़ रहा है और जमीन से जुड़ी हुई जमीन से निकली हुई गेहूं, चावल, चना इसका विश्व व्यापार है। अपने छोरा, छोरी ने जो प्रतिभाशाली हैं इनसे कहो कृषि उत्पादक के निर्यात में भी पड़ें और छोटी बहुत अगर आयात करने की आवश्यकता पड़े तो वह भी करें इसका असर पूरे देश में पड़ेगा क्योंकि भारत कृषि प्रधान देश है हमारी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है और कोई माने या ना माने राजनीति भी ग्रामीण आधारित है। है कि नहीं? ये बदलाव का केंद्र बनता है। और मेले में मैंने हर एक आइटम देखा, बहुत तेज गति से जो देखा है, वह मेरे मस्तिष्क में जम गया है। क्या-क्या मोटे अनाज का बना कर नहीं दिख रहे हैं, कितनी प्रगति हुई है, कितना नवाचार हुआ है, देखते ही बनता है।
एक बार फिर, हरियाणा सरकार को, माननीय मुख्यमंत्री जी को, कृषि मंत्री जी को, कमल गुप्ता जी, आपके वरिष्ठ मंत्री को, वाइस चांसलर, आपके सचिव सबका कृतज्ञ हूं, जिन्होंने मुझे आपसे मिलने का और थोड़ा साक्षात्कार करने का मौका दिया।
यह कह सकता हूं, मेरे लिए यह शुरुआत है। अगली बार इस मेले में आऊंगा, पूरे दिन का कार्यक्रम बनाकर आऊंगा, वही असली न्याय होगा। देश का भविष्य उज्ज्वल है क्योंकि हमारा किसान कर्मशील है। देश का भविष्य उज्ज्वल है क्योंकि हमारा किसान देश के लिए पसीना बहाता है। देश का भविष्य उज्ज्वल है क्योंकि हमारा किसान जवान भी पैदा करता है, वैज्ञानिक भी पैदा करता है, अधिकारी भी पैदा करता है, अब थोड़ा सा उसको कदम लेने की आवश्यकता है, जो मैंने कहा कि वह व्यापार में भी पड़े।
बहुत-बहुत शुभकामनाएं!
जय भारत!