When I went to the USA along with my wife, we went to the statue of liberty. There was a quote of Mahatma Gandhi ‘I respect your liberty because I care for mine’. That was the substance of the quote.
विश्व होम्योपैथी दिवस पर सभी को शुभकामनाएँ। हर साल 10 अप्रैल को डॉ क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनिमैन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। विश्व होम्योपैथी दिवस 2023 की थीम बहुत सार्थक है - “होम्योपरिवार: एक स्वास्थ्य, एक परिवार” जब मैं इस पर ध्यान दे रहा था तब मुझे एक और विषय की याद आयीI दुनिया में भारत का डंका तो बज ही रहा है। We are on the rise as never before and the rise is unstoppable.
India is the President of G20- its motto is also significant reflecting our age old ethos and civilisational essence - One Earth, One Family, One Future’ और बिना स्वास्थ्य के फ्यूचर हो नहीं सकता है। हमारी आस्था है - वसुधैव कुटुम्बकम्, ये महा उपनिषद का एक मंत्र है, और जब हम इस विचारधारा से जुड़े हुए हैं तो निश्चित रूप से ‘पहला सुख निरोगी काया’ ये कहा गया हैI बिना निरोगी काया के कुछ भी सार्थक नहीं होताI विश्व और जन कल्याण के लिय स्वस्थ रहना अनिवार्य है। हमारे ऋषि-मुनि कह गए हैं, 'पहला सुख निरोगी काया!’
अमृत काल में हमको संकल्प लेना चाहिए। आज 2047 की नींव रखी जा रही है और जहाँ भी कहीं हमारे स्वस्थ्य पर कुप्रभाव हो और भारत की अस्मिता पर प्रहार हो, कुंठित करना अनिवार्य हैI देश हो या विदेश भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाएंगे और इस पर कोई आंच नहीं आने देंगे, ये हम सबका संकल्प होना चाहियेI इस प्रकार के सभी कुप्रयासों को असफल करना हमारा राष्ट्रीय कर्त्तव्य हैI We must ever take pride in our historic achievements and be proud Indians.
India became the 5th largest global economy on the Planet and by all objective assessment, by the turn of the decade it will be the 3rd largest economy. This is because of the commitment of our people and their good health. If we are assured of good health, nothing can stop us.
Have you ever noticed a foreign dignitary or foreign national on a visit to this great democracy, ever decrying or criticizing his nation? Answer is obvious no. Why cannot we take pride in our scientists, health warriors and compliment our innovation? जब भी देश के बाहर जाएं, राजनीतिक चश्मे को यहीं छोड़ जाएंI इसमें देश का भला है, व्यक्ति का भी भला हैI
Dr B R Ambedkar’s last speech in the Constituent Assembly was historic. He said “What perturbs me greatly is the fact that not only India has once before lost her independence, but she lost it by the infidelity and treachery of some of her own people… But this much is certain that if the parties place creed above country, our independence will be put in jeopardy a second time and probably be lost forever. This eventuality we must all resolutely guard against. We must be determined to defend our independence with the last drop of our blood.”
You have two jobs, one to keep us healthy in body and mind, and also to ensure that our spirit of functioning is committed to our nationalism.
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः ॐ, सभी खुश रहें तभी फलीभूत होगा जब हम पूर्ण रूप से स्वस्थ होंगे। इसमें मैंने राष्ट्रवाद का एक एंगल जोड़ा है क्यूंकि दुनिया के हालात देखने से ये स्पष्ट है that we must be committed to our Nationalism. I urge businessmen and industrialists that they must also think, reflect and stand committed to economic nationalism. No amount of economic gain can justify deviation from economic nationalism.
Healthcare is not just about medical treatment; it includes an individual’s physical, mental and emotional well-being, and a community’s social and economic environment. चारो तरफ देखते है एक नई समस्या उभर रही है, an environment of stress and tension. We have an ecosystem where due to affirmative policies of government one is able to exploit his or her potential. We must develop a culture to eradicate stress and tension and this blind reckless pursuit of competitive mechanisms must get rationalized.
मै आपसे आग्रह करूँगा कि हर नागरिक को चौबीस घंटे में से एक घंटा शरीर को स्वस्थ रखने के लिए देना चाहिए। आप स्वस्थ रहेंगे तो भारत स्वस्थ रहेगा। प्रगति की रफ़्तार में गति आयेगी।
Homoeopathy as a form of treatment has a rich history spanning over two centuries. In our country in the last few years, it is being nurtured and has become a significant factor to our health apparatus and mechanism.
World Health Organization acknowledges homoeopathy as the second largest and fastest-growing system of medicine in the world and has marked its presence in more than 80 countries
यह अत्यधिक तनुकृत पदार्थों के उपयोग पर आधारित एक उपचार है, जिसके बारे में चिकित्सकों का दावा है कि यह शरीर को स्वस्थ रख सकता है।
होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1973, होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली को भारत में एक मान्यता प्राप्त चिकित्सा प्रणाली बनाता है।
9 नवंबर 2014 is a very significant day. It was on that day that the government for the first time reflected on spinally strong thought process- और एक नए मंत्रालय का जन्म हुआ, आयुष मंत्रालय। इसका उद्देश्य था हमारे प्राचीन चिकित्सा पद्धति के गहन ज्ञान को पुनर्जीवित करना और स्वास्थ्य की आयुष प्रणालियों के इष्टतम विकास और प्रसार को सुनिश्चित करने की दृष्टि प्रदान करना। I am happy and satisfied that its achievements have been milestones. It has been a complete turnaround and people have been encouragingly involved in this kind of medicine and therapy that has come to us.
कोविड महामारी को नियंत्रित करने में this facet of medicine has played a significant role.
बंगाल में राज्यपाल रहते हुए मैंने देखा, homoeopathic kits were given to Covid Warriors which were extremely effective and impactful. It had both preventive and curative aspects.
आज के दिन जब पीछे जब कोविड़ को देखते हैं तो हमारे देश का कोई नहीं है | By one masterstroke stroke Hon’ble Prime Minister could inspire 1.3 Billion people to put people’s curfew, which was very successful…पर कुछ लोगों ने नुक्ताचीनी की..कुछ लोगो में नुक्ताचीनी का डीएनए है..कि वो इसका कोई मौका छोड़ते नहीं है| आपकी प्रतिस्पर्धा समाज में हो, राजनीति में हो, कहीं और भी हो, तो नुक्तचीनी करो, लेकिन जहां देश का मुद्दा हो वहां किसी बात की नुक्ताचीनी नहीं होनी चाहिए?
मैने खुद राज्यपाल की हैसियत से इस कर्फ्यू में भाग लिया, थाली बजाई, मोमबत्ती जलाई …कोविड वारियर्स का हौसला बढ़ाने के लिए…कुछ लोग उसकी साइंस में चले गए, कहा गया कि समझ में नहीं आता है कि इससे उत्साह कैसे बढ़ता है? ..Motivation, expression, recognition, acknowledgement is necessary उन लोगों को जो खुद की जान हथेली पर रख कर समाज को सुरक्षा दे रहे थे, हमारे देश को बचा रहे थे |
फिर आया इनोवेशन कैसे करेंगे, हमें तो दशकों लग जाएंगे। हजारों साल की संस्कृति में है, कि जो हम में है वह औरों में नहीं है, हम से लोग सीखते हैं।
हमें दूसरों से सीखने में परहेज़ नहीं है, but this cannot be with a psyche that we immediately go against our own people.
हमने अपने ही नहीं बल्कि 100 से ज़ादा देशों की भी मदद की, जब विदेशो से लोग आकार मुझसे मिलते हैं.. they express gratitude that even in those times while engaging in taking care of our own population, India was hand-holding other nations.
आज देश भर में 220 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं and every vaccination certificate is digitally mapped and is available on your mobile…दुनिया के किसी देश को ये दर्जा हासिल नहीं है|
मेरा मानना है कि देश और नागरिक स्वस्थ रहें, हमारा डेमोग्रेफिक डिविडेंट तभी प्रोडक्टिव होगा, जब हेल्थ के ऊपर ध्यान दिया जाए।
In recent years, critical interventions have been made in the country’s health sector, with remarkable outcomes:
22 AIIMS have been approved in the country, and almost one medical college has come up every month in the last eight-nine years.
दुनिया हमें ‘pharmacy of the world’ क्यों कहती है? इसका श्रेय जाता है ह्यूमन रिसोर्स को, we are contributing to 20% of the global demands for generic medicines, after meeting demand of one-sixth of humanity that lives here.
आपका मंत्रालय और आपका सचिवालय, they have to be complimented for their focus on research and development...पूरे देश के अंदर तानाबाना वेलनेस सेंटर का जो हो रहा है उसमें आपके मंत्रालय की छाप है|
I am thankful to the Hon’ble Minister for affording me this opportunity, it is very satisfying in nature. I would like to congratulate him for not only leading the Department to greater heights with large and impactful presence all over the country but also for bringing together all stakeholders of traditional medicines on one platform to generate wider acceptability.
I wish great success to this endeavour. Wishing you all निरोगी काया एंड गुड हेल्थ.
Jai Hind.