कहते हैं पहला सुख निरोगी काया। There is no greater happiness than good health. आप कितने ही प्रतिभाशाली हो आप, कितने ही योग्यता रखते हो आपका मन कितना ही निर्मल हो आपका मन कितना ही सेवाभावी हो आप, खुद की मदद नहीं कर पाओगे तो दूसरे की कभी नहीं कर पाओगे और इसके लिए स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है।
Friends in the last ten years there has been dramatic development in the health sector and that dramatic development is reflection of the vision of the Prime Minister. He started with something very basic and first he started Swachh Bharat Abhiyan.
लोगों को उस समय लगा 130 करोड़ की आबादी वाले देश का प्रधानमंत्री लाल किले से स्वच्छता की बातें क्या कर रहा है। आज हम सब जानते हैं यह कितनी बड़ी क्रांति बन गई है।
How happy and delighted we are as Swachhata has become a part of our life. इसी का एक्सटेंशन हुआ now there is toilet in every home.
इसी का further extension हुआ कि स्वास्थ्य की जो परेशानी हमारी माताओं और बहनों को होती थी जब वह चूल्हे के अंदर फुकनी से भोजन बनाती थीं। वह धुए का कष्ट सहती थीं। Look at the dramatic development that has taken place by Ujjwala scheme. Its a Health Scheme that according to me, has given great reprieve to our mothers, our daughters, our grandmothers so that they could come out of it. Then another fact of health is drinking water. It should be pure and available.
We are having inner in our country exponential growth in the health sector. Aayushman Bharat is world's largest health Insurance.
एक ज़माना था जब परिवार को पता लगता था कि इस बीमारी से अगर व्यक्ति ग्रस्त है तो परिवार की आर्थिक स्थिति पूरी तरह डगमगा जाती थी। कोई रास्ता नहीं मिलता था, that issue has been resolved. मुझे वह दिन याद है, 1988 my father suffered Heart Attack, we had no facilities in the country. Me and my wife had to take my father to UK for bypass surgery और आज के दिन देखिए यह सुविधा हमारे देश इसके करीब करीब अनेक स्थानों पर उपलब्ध है. कर्नाटक में आठ-दस जगह उपलब्ध होगी, देश में सैकड़ो जगह उपलब्ध है। This is the development we are having.
आज के दिन दुनिया के अलग-अलग कौन-कौन से भारत के में इलाज करने के लिए लोग आते हैं, why? because we have highly technical health sector health infrastructure and एक मापदंड के हिसाब से इसे भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत सकारात्मक असर पड़ रहा है।
आयुष्मान भारत को मैं दूसरे तरीके से भी देखता हूं। आयुष्मान भारत मात्र परिवार या व्यक्ति को मदद देने वाला नहीं है। आयुष्मान भारत results in growth of medical institutes, medical education, hospitals, diagnostic centres nursing colleges. ये बहुत बड़ा gain है।
आज के दिन मैं आपको बताना चाहता हूं that All Indian Institute of Medical Science numbers have Virtually tripled from 7 to 22. अंदाजा लगाइए यह कितना बड़ा जंप है. 10 साल के अंदर एम्स की संख्या 3 गुना से अधिक हो गई है। Our medical colleges have gone from 387 to 660 and opportunities are being made available to our young boys and girls where seats in MBBS and PG have been doubled.
मैं आप लोगों से आह्वान करूंगा. I had the occasion to address in Delhi-A gathering of doctors one of their lead Associations.. आदमी आज के दिन डॉक्टर को भगवान मानता है. He has complete faith in the doctor. आपका एस्टेब्लिशमेंट डॉक्टर जोशी has high ethical standards, it has ethical element, आप लोगों की सेवा कर रहे हैं और मुझको चिंता होती है, I am concerned and worried that some hospitals claim to be 5 star hospitals. I appeal to them we need five star facilities, we need affordable treatment. हेल्थ और एजुकेशन दो sector ऐसे हैं जब कि हम अपनी सांस्कृतिक विरासत में झांके they are service sectors, they are not commercial institutes, they are not for gain, they are methods to give back to the society.
10 साल में एक बड़ा परिवर्तन आया पद्म अवॉर्ड्स में, पहले पद्म अवार्ड दिए जाते थे सिफारिश पर, लोगों के कहने पर। आज के दिन यह दृश्य बदल गया है। We now have Padma awardees and when they are rewarded the entire society is happy. I am sure when in 2016 Dr Joshi was given Padma Shri every one must have been very happy that, A person is in service of humanity, a person contributing selflessly to the health sector has been rewarded. जब ऐसा प्रयास होता है तो मन को भी अच्छा लगता है।
भारत की प्रगति के लिए सबसे जरूरी है that we have ‘Fit India’. Only fit can achieve 2047 Viksit Bharat target. फिट इंडिया के लिए जरूरी है कि हमारी स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी हों, श्रेष्ठ हों, टेक्नोलॉजिकली अपग्रेडेड हो and they don't graduate to commerce.
Friends, I have no doubt, हमारा देश सही रास्ते पर चल रहा है, हर मापदंड पर सही रास्ते पर चल रहा है। हमारी प्रगति से दुनिया हतप्रभ है, दुनिया अंदाज़ा नहीं लगा सकती है कि भारत को अचानक क्या हो गया है। The sleeping giant is fully functional now!
अब हम वह देश नहीं हैं जिसके बारे में लोग कहते थे कि भारत में बहुत पोटेंशियल है, ना, अब भारत विकसित है, दुनिया हमारा लोहा मान चुकी है।
मैं सभी से यह आग्रह करूंगा कि ऐसे संस्थान साधुवाद के पात्र हैं पर हमारे स्वास्थ्य का हम ध्यान दें। हमारे स्वास्थ्य को हम उत्तम रखें इसमें हमारा व्यक्तिगत योगदान भी रहता है। व्यक्तिगत योगदान का पहला मापदंड है कि हमारी सांस्कृतिक विरासत देखिए, हमारे ऋग्वेद में देखिए। हमारे अथर्ववेद में तो इतना भंडार है जो स्वास्थ्य की चर्चा करता है। भारत के प्रधानमंत्री ने दुनिया को योग दिया जो हमारी विरासत है। आज दुनिया में 21 जून को हर कोने में योग दिवस मनाया जाता है। योग हर दिन करने का काम है। हम यदि हमारे व्यवहार में, हमारे आचार में, हमारे जीवन दर्शन में यह सोचेंगे तो जिनको कहते हैं ना कि लाइफ स्टाइल डिजीज, We need to work in togetherness to overcome these diseases. We have to be fit, we have to be fighting fit so that we become a part of the marathon race to take our Bharat to 2047 as a developed nation. मैं संस्थान से जुड़े हर व्यक्ति को बधाई देता हूं। उनके dedication की सराहना करता हूं और यह मानकर चलता हूं कि this establishment will continue to flourish and blossom and serve the people at large.
अंत में एक ही बात कहूंगा, डॉ. जोशी का संस्थान तो फिजिकल विजन ठीक करेगा। आंख में गड़बड़ है, उसी को ठीक करेगा। पर हम में से कुछ लोगों का दृष्टिकोण जो थोड़ा हट गया है, मूल धारा से हट गया है, उनको मैं एक नसीहत दूंगा। हर भारतीयों को यह मानना होगा कि भारतीयता हमारी पहचान है, हम इस महान देश के नागरिक हैं।
We are proud Indians. We take pride in our phenomenal rise. Nationalism is our Dharma-We will always keep Nation first. There will be no situation where we will Compromise with nationalism.
राष्ट्रवाद में कुछ भी कमी आए, किसी भी परिस्थिति में आए, बर्दाश्त नहीं हो सकती। हमारा राष्ट्रवाद किसने दिया है? जिन लोगों ने supreme sacrifice किया, सीमा पर जो हमारे लोग हैं। They have given blood for our nationalism. ऐसी कोई भी गतिविधि जो आम भारतीय के दिल को चोट करती हो, जो हमारी राष्ट्रवाद में कुछ कमी लाती हो, जो हमारी राष्ट्र भावना को कुंठित करती हो, हमें उसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। जो कुछ लोग भ्रमित हैं, समझ नहीं रहे हैं, कुछ भी बोल देते हैं, उनको समझने की आवश्यकता है।
We shall never compromise with our nationalism. We shall keep the nation always first. This is not optional. यही एक रास्ता है और यही रास्ता हमें अपनाना है।
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद।