आप सभी को मेरा नमस्कार!
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम, जिसका नाम देश के महानतम देशभक्तों और भारत माँ के सपूतों में से एक के नाम पर रखा गया है, आज भारत में खेल के क्षेत्र में एक निर्णायक क्षण बन गया है। राष्ट्रीय खेलों के दौरान गोवा प्रबंधन ने हर पल यह संकेत दिया कि वे अचीवर्स हैं और यह तय करते हैं, जुड़ेंगे, जिएंगे, जीतेंगे।
जब भारतीय संसद ने इतिहास रचा, 21 सितंबर को और तीन दशक के बाद कई बार असफल प्रयासों के बाद नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित हुआ, वूमेन रिजर्वेशन बिल पारित हुआ, राज्य सभा में कुर्सी को सुशोभित कर रही थी पीटी उषा जी।
मैंने जो नजारा देखा है, एक बहुत बड़ा संकेत है, मैंने जितने इनाम यहां दी है, उनमें दो तिहाई महिला हैं। हमने तो रिजर्वेशन एक तिहाई दिया था, स्पोर्ट्स मे तो दो तिहाई इन्होंने ले लिया।
यह बदलते हुए भारत की तस्वीर है और इसका चित्रण गोवा में हो रहा है और इन सब के पीछे एक बहुत बड़ी सोच है कि तीन दशक के बाद 2014 में देश को एक मजबूत सरकार मिली, पूर्ण बहुमत की सरकार।
मेरे युवा साथियों, 1989 में मैं लोक सभा सदस्य होने के साथ-साथ एक केन्द्रीय मंत्री भी था। आज से 34 साल पहले मैंने आंखों से देखा है कि मिली जुली सरकार क्या करती है, देश का क्या हाल होता है। आज भी कंपन महसूस करता हूं और बड़ी चिंता में पड़ जाता हूं। 1990 में जब मैं केंद्र सरकार में था, तो वित्तीय क्षमता बनाए रखने के लिए हमारे सोने को दो स्विस बैंकों में रखने के लिए उसे भौतिक रूप में ले जाना पड़ा था।
तब हमारा फॉरेन एक्सचेंज घूम रहा था एक बिलियन से दो बिलियन के बीच में और आज ये 600 बिलियन के पार है। कहां से कहां आ गए हैं, जमाना बदल गया।
आजकल सब कुछ मुमकिन हो रहा है और मुमकिन तब होता है जब राष्ट्र को एक मजबूत नेतृत्व मिलता है। वह मजबूत नेतृत्व है जब टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम अच्छे प्रयास कर आखिर में सफल नहीं हो पायी तो देश के प्रधानमंत्री ने हर महिला खिलाड़ी से बात की और कहा कि बेटियों आपने बहुत ज्यादा करके दिखाया है अगली बार और सफलता मिलेगी।
मैं उस दृश्य को जब देखता हूं, हमारी बच्चियों के आंखों में आंसू थे और चेहरों में एक चमक थी कि हम अचीव करेंगे, यह है भारत।
इसे मेरुदंडीय नेतृत्व के रूप में जाना जाता है जो उचित मार्गदर्शन एवं सहारा प्रदान करता है। किसी ने सोचा था कि भारत 2036 में ओलंपिक की दावेदारी करेगा? किसी ने नहीं सोचा था, भारत के प्रधानमंत्री ने पी.टी उषा जी की उपस्थिति में उनकी एक मीटिंग में यह घोषणा की कि भारत 2036 में ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करने की दावेदारी करेगा और क्यों नहीं? हमारे भारत में विश्व की आबादी का छठा हिस्सा बसती है।
हमारे भारत ने जो करिश्मा किया है उसको देखकर दुनिया दंग रह गई है. 2022 में यूके को और फ्रांस को पछाड़कर इंडिया पांचवी ग्लोबल इकोनामी बनी है, यह सपना किसी ने नहीं देखा था। यह जमीनी हकीकत है और अब बारी किसकी है, जापान और जर्मनी की।
मेरे युवा मित्रों, आज मुझसे यह सुन लीजिए कि 2030 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था होगा।
जब मैंने आपके शुभंकर के बारे में जानकारी ली तो मुझे समझ आ गया, इस पशु में क्या खूबी है। इसमें वह सब कुछ है जो हर खिलाड़ी को सीखने की आवश्यकता होती है। यह सदैव आगे बढ़ता रहेगा और अपने कदम कभी पीछे नहीं हटाएगा और यह देखा भी गया है।
मैं सभी टीमों, सभी विजेताओं को बधाई देता हूं लेकिन मैं आपको बता दूं मेरे युवा मित्रों, हर प्रतिभागी विजेता है। यह मिनी इंडिया है, आपके ये 15 दिन आपके जीवन के सबसे यादगार पल रहे होंगे। आपको उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम के अपने दोस्तों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला होगा।
जब यह कहा गोविंद जी ने गोवा एक छोटा राज्य है, यह भौतिक रूप से छोटा राज्य है लेकिन इसका दिल बहुत बड़ा है। गोवा का दिल इतना बड़ा है कि पूरा भारत समा गया है। हर कोई यहां से मीठी यादें लेकर जाएगा।
बदलते हुए भारत की तस्वीर देखिए। इस पूरे आयोजन की रीढ़ की हड्डी महिलाएं हैं। आपको बता दूं, लड़कियों ने बहुत सराहनीय प्रदर्शन किया है।
अमिताभ शर्मा जी के नेतृत्व में गीतिका ने बहुत अच्छा काम किया है। यह हमारी नारी शक्ति का चरम बिन्दु है। पीटी उषा जी जो नेतृत्व कर रही हैं वह पूरे देश में फल-फूल रहा है और इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि मुझे लड़कों की तुलना में अधिक लड़कियों को पुरस्कार देने का संतुष्टिदायक क्षण मिला है, लेकिन लड़के प्रयास जारी रखें, हमें उन्हें चुनौती देनी होगी। हम आगे बढ़ेंगे और तभी देश आगे बढ़ेगा। यह हर किसी के लिए ध्यान देने का समय है क्योंकि वैश्विक आइकन विवेकानन्द जी ने कहा था और मैं उन्हें उद्धृत करता हूं "उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए"।
अमृतकाल हमारा गौरव काल है, दुनिया की हर संस्था अचंभित है भारत की सफलता को देखकर। स्पेस का मामला हो जहां चंद्रयान-3, जहां भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना यान उतारने वाला विश्व का एकमात्र देश बन गया। हमारे इसरो ने विकसित देशों के उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे हैं चाहे वह सिंगापुर हो या अमरीका।
हमने जमीन पर, अंतरिक्ष में या हवा में कमाल किया है, हमारे पास स्वदेश निर्मित लड़ाकू विमान हैं, हमारे लड़ाकू हेलीकॉप्टर हैं और इनके पायलट कौन हैं, हमारी लड़कियां, वे लड़ाकू पायलट हैं, वे लड़ाकू की भूमिका में हैं।
भारत बदल रहा है, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड कहता है आज की दुनिया में जहां अर्थव्यवस्था अत्यंत चुनौतीपूर्ण है, बड़े-बड़े देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है, भारत की अर्थव्यवस्था एक चमकता हुआ सितारा है। भारत आज विश्व स्तर पर निवेश और अवसर का एक अत्यंत पसंदीदा स्थान है और खेल जगत में हाल में जो हमारा प्रदर्शन है वह आज तक का सर्वश्रेष्ठ रहा है।
जब हम दूसरे घटनाक्रम पर नजर डालते हैं तो विश्व बैंक के अध्यक्ष जी20 के दौरान यहां आये थे। मैं पूरे समय वहां था। उन्होंने कहा भारत की प्रौद्योगिकीय पैठ, डिजिटल अर्थव्यवस्था 6 साल के भीतर इतनी समावेशी हो गई है जो 47 साल तक संभव नहीं है।
भारत ने 6 साल में वह करके दिखा दिया जो 47 साल में संभव नहीं है और यह वर्ल्ड बैंक का प्रेसिडेंट कहता है और क्यों ना कहे? 2022 में हमारा डिजिटल लेन-देन संयुक्त राज्य अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के कुल डिजिटल लेन-देन का चार गुना था। चार गुना ज्यादा इन चार महादेशों से!
हमारा इंटरनेट पर डाटा कंजप्शन चीन और अमरीका दोनों को मिला लो तो भी ज्यादा है। मुझे आपसे यह कहना है कि आप आज ऐसे भारत में रह रहे हैं जिसका नाम दुनिया में है, जिसके नेतृत्व का दुनिया में असर है, भारत के पासपोर्ट को आज दुनिया एक नई नज़र से देखती है और हम एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र से लाभान्वित हुए हैं, ऐसी व्यवस्था उत्पन्न की गई है कि हर भारतीय को अपनी प्रतिभा दिखाने का हर अवसर मिलता है, कोई हैंडिकैप्ड नहीं है। मैं राज्य सरकार की प्रशंसा करता हूं स्पोर्ट्स पर्सन्स के लिए नौकरी के बारे में यह अच्छी सोच है लेकिन इस मंच से मैं सरकार से और सार्वजनिक क्षेत्र से लेकर निजी क्षेत्र तक से अपील करना चाहता हूं कि आपको किसी खेल को अपनाना चाहिए, आपको खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए और इससे इस देश के साथ बहुत बड़ा न्याय होगा।
आज के दिन दुनिया का सबसे बड़ा इवेंट मैनेजमेंट स्पोर्ट्स एक्टिविटी का है। आपने 15 दिनों में यह करके दिखाया है। यह और सबसे बड़ा मार्केट एरिया भी है। हमारे खिलाड़ियों को पूरा अवसर मिले और वे आगे बढ़ें।
मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई की आपने यहां खेलों की संख्या बढ़ाई है। वह स्टेटिसटिक्स है पर क्वालिटी देखिए, आपका फोकस नागोरी, गटका, ये कितना जबरदस्त कदम उठाया है। ये हमारे ट्रेडीशनल स्पोर्ट्स हैं। आगे देखिए पेनकाक सिलत और कलरिपायेट्टू यह केरल के हैं। दूसरा जम्मू और कश्मीर का है। इनको ऐड करना हमारी पुरानी संस्कृति को जागृत करना है। वह दिन दूर नहीं है कि हमारे परंपरागत खेलों को ओलंपिक में स्थान मिलेगा।
मित्रो, कहने को तो बहुत कुछ है पर आज मैं यहां के वातावरण से भावाविभोर हूं। मैं गोवा की जलवायु, गोवा के मानव संसाधन, गोवा प्रशासन की प्रतिभा से इतना प्रभावित हूं कि मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं I कहीं कोई चूक नहीं हुई, यह तो ऐसे ही हो गया जैसे चंद्रयान-3 की सफलता में राकेट वूमेन का योगदान रहा. इसके लिए प्रत्येक गोवावासी बधाई का पात्र है, यह संगठित प्रयास है।
मुझे पता लगा है कि मुख्यमंत्री जी के चेहरे की चमक को देखकर कि गोवा ने भी काफी मेडल जीते हैं।
मित्रों, एक जमाना था की पेरेंट्स चिंतित हो जाते थे कि बच्चा क्रिकेट खेलता है, उनको लगता था कि बच्चा खेल खेल रहा है उसका करियर नष्ट हो जाएगा।
खेल अब मानव प्रतिभा के प्रदर्शन का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम बन गए हैं। और इसी की वजह से जिओ पॉलिटिक्स भी इंपैक्ट होती है, कई देशों के नाम हम इसलिए जानते हैं क्योंकि वहां का खिलाड़ी विश्व स्तर का है।
इसीलिए हमें प्रयास करने चाहिए और इसके लिए जो कुछ कदम उठाए गए हैं, मुझे बहुत खुशी है कि सरकार ने खेलो इंडिया की शुरुआत की है, जो कि बहुत बड़ा कार्यक्रम है। गांव-गांव में स्टेडियम आएंगे, मेरे गांव में भी शुरुआत हुई है, स्टेडियम में बच्चे जाएंगे ट्रैक का उपयोग करेंगे अपनी प्रतिभा दिखाएंगे वे फिट होंगे। भारत फिट होगा तभी हम आगे बढ़ पाएंगे।
पर सबसे बड़ा काम जो केंद्रीय सरकार ने किया है जो पी.टी उषा के संस्थान ने किया है इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने किया है वह है ओलंपिक पोडियम को लक्ष्य बनाने की योजना। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि प्रतिभा की कम आयु में ही पहचान करें, कम आयु से ही प्रशिक्षित करना शुरु करें।
मैंने प्रधानमंत्री जी का एक भाषण सुना, उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी स्पोर्ट्सपर्सन की प्रतिभा को शाइनिंग करने के लिए कोच की बहुत बड़ी भूमिका होती है। कोच एक तरीके से द्रोणाचार्य हैं। उनको भी बहुत प्रोत्साहन दिया गया है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाये हैं कि हमारे खिलाड़ियों को उच्चतम स्तर की कोचिंग का अवसर मिले, और इसके लिए सरकार उन्हें विदेश भी भेज रही है।
मेरा आप सबसे यही अनुरोध है, आप स्पोर्ट्सपर्सन हैं आपको देश के जज्बे का पता है, आप जब कोई मेडल जीतते हैं तो आपके दिल में एक ही बात रहती है विश्व स्तर पर, भारतीयता और भारत। आपको सभी को यह बताने के लिए दूत और पैदल सैनिक बनना होगा कि हम अपने भारत को बाकी सभी चीजों से ऊपर रखेंगे।
हम किसी भी परिस्थिति में हमारे देश का नाम नीचे नहीं होने देंगे। हम गर्वित भारतीय होंगे, हम अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करेंगे।
अंतिम बात यह कहूंगा नारी शक्ति का जो यहां मैंने प्रदर्शन देखा उसका क्लाइमैक्स भी हो रहा है। यह किसको दी जाएगी, मशाल, रेखा आर्य जी को। चारों तरफ महिलाओं का नज़ारा है। बड़ा सूदिंग मोमेंट है, एपोकल डेवलपमेंट है। कभी कल्पना नहीं की कि महिला फाइटर पायलट होगी। यह सब आप कुछ करेंगे।
महोदया, हम सभी आपके उत्तराखंड में आने के लिए उत्सुक हैं, जिसके बारे में मुख्यमंत्री ने बड़ी उम्मीदों के साथ बहुत अच्छा चिंतन किया है और जो बेंचमार्क गोवा ने किया है, ऐसा बेंचमार्क पी20 में भारत ने कर दिखाया। दुनिया के सब नेताओं ने कहा कि जो देश पी20 ऑर्गनाइज करेगा वह भारत के स्तर पर नहीं आ पाएगा।
मेरी आप सबको बहुत शुभकामनाएं। यह गोवा के लिए एक निर्णायक क्षण है, यह गोवा के लिए गर्व का क्षण है, यह गोवा की नौकरशाही के लिए एक उपलब्धि है, यह इसे इतनी अच्छी तरह से आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री और उनकी टीम के लिए एक और उपलब्धि है।
एक बार फिर सभी विजेताओं को बधाई, सभी प्रतिभागियों को बधाई। आपका सबसे बड़ा लाभ यह है कि आपने इसमें भाग लिया। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
जय भारत!