4 अगस्त, 2023 को राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी, नागपुर, महाराष्ट्र में माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ का संबोधन (अंश)

नागपुर, महाराष्ट्र | अगस्त 4, 2023

युवा प्रतिभाओं ने इस ग्रह पर सबसे कठिन परीक्षा में प्रतिस्पर्धा करके अपनी क्षमता सिद्ध की है। सिविल सेवा दिवस के अवसर पर अपने संबोधन के दौरान, मुझे लगता है कि भारतीय विकास की कहानी प्रधानमंत्री और उनकी टीम के दृष्टिकोण से आकार ले रही है। लेकिन साथ ही सिविल सेवाओं की बुद्धिमता, समर्पण और दिशात्मक दृष्टिकोण से इसे क्रियान्वित किया जा रहा है। इसलिए हमारे देश ने अब तक जो ऐतिहासिक उपलब्धियां और सफलताएं दर्ज की हैं, उनके लिए आप बधाई के पात्र हैं। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि हाल के वर्षों में यह सुनिश्चित करने के लिए एक पहल की गई है कि आपकी निर्णय लेने की प्रक्रिया आपके बौद्धिक विवेक के अनुसार हो और ऐसा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में एक उपबंध, एक ऐसा उपबंध जो अरक्षितता से आपको प्रभावित करता है, के पुर:स्थापन द्वारा किया गया।

मैं कहता हूं कि, आप सभी के पास सार्वजनिक क्षेत्र या निजी क्षेत्र में जाने का विकल्प था। आप सभी बड़े वित्तीय पैकेज के लिए देश में या विदेश में सेवा दे सकते थे। लेकिन यहां आपको अपने देश की सेवा करने का, अरबों लोगों के जीवन में बदलाव लाने का जो अवसर मिलता है, वह अन्यत्र उपलब्ध नहीं होता है। एक तरह से आपका इस पद पर होना आपके त्याग का द्योतक एवं परिचायक है। मैं आपको बता दूं कि आपको चाहे जो भी पैकेज मिला होता, लेकिन आपके माता-पिता और आपके दोस्तों को जो गर्व, संतुष्टि, सम्मान आपके सिविल सेवा में चयनित होने पर मिला उसकी तुलना करना मुश्किल है।

मैं आपको बधाई देता हूं और आपको बताना चाहता हूं कि हम अमृत काल में हैं। 2047 में जब हम अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएंगे तो देश क्या आकार लेगा- आप इस देश की नियति को आकार देंगे। सबसे पहले, मैंने आपको आपके त्याग, चुनौतियों और योगदान के बारे में बताया। मैं आईआरएस के 76वें बैच के सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को आपका पहला इंडक्शन प्रशिक्षण मॉड्यूल पूरा करने के लिए बधाई देता हूं।

यह प्रशिक्षण आसान नहीं है। इसमें आपको चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जाता है और आपका विभाग उन अग्रणी विभागों में से एक है जो न केवल बड़े बदलावों में योगदान दे रहा है बल्कि उसने खुद में भी बदलाव किया है। सीबीडीटी अध्यक्ष सही थे और मैं इसका गवाह हूं, मेरा चार्टर्ड अकाउंटेंट कभी भी इतना सहज नहीं था जितना इस बार था। मैं अब भी वरिष्ठ अधिवक्ता हूं और भुगतान में विलंब होता रहता है। मैंने उनसे कहा कि मुझे जो जानकारी आपको देनी है उसकी एक जांच सूची दीजिए। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उन्होंने कहा कि आपको कुछ नहीं करना है। सभी सूचनाओं को समाहित कर लिया गया है और इस तरह सबसे बड़े लोकतंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को लागू किया जा रहा है। यह कहना आसान है लेकिन व्यावहारिक अभ्यास में यह कठिन होता है। आपके विभाग ने इसका अभ्यास किया है और मुझे विश्वास है कि आप में से हर कोई आम लोगों में आत्मविश्वास जागृत करने के लिए काम करेगा। एक समय था जब आईटी विभाग के एक नोटिस से हड़कंप मच जाता था। लेकिन अब स्थितियां अलग हैं। आपने अपने करदाता को इस देश के विकास के इतिहास में एक भागीदार के रूप में शामिल किया है और यह आपके वरिष्ठों के योगदान के कारण है और इसमें आप भी आगे योगदान देंगे। मैंने इस संस्थान की बहुत संक्षिप्त झलक देखी है और कहते है ना कि एक चावल देख लेते हैं तो उससे पता चल जाता है उसी तरह से आप एक ऐसे वातावरण में हैं जिसमें आप अपनी ऊर्जा का पूरी तरह से उपयोग कर सकते हैं। आप निदेशक और उनकी टीम के मार्गदर्शन और संरक्षण में अपनी प्रतिभा और क्षमता को दिखा सकते हैं। मैं आपसे एक अपील करता हूं और यही मंत्र मैं आपको दे रहा हूं जो आपके जीवन को प्रासंगिक बना देगा। आप अपने बैच के साथियों के साथ हमेशा संपर्क में रहें। यह कनेक्टिविटी आपको और अधिक मजबूती देगी। जब आप 40 और 50 के दशक में होंगे, तो आपको इसके महत्व का एहसास होगा। यह आपको पूरे देश में कार्यात्मक बना देगा। यह बैचमेट की अवधारणा अत्यधिक नवीन और फलदायी है, इसलिए इस पर विश्वास करें।

मैं इस पर विचार नहीं करूंगा कि आपसे क्या अपेक्षा की जाती है, लेकिन आपके सक्रिय हुए बिना कार्य संचालन में, व्यक्तिगत व्यवहार में, व्यक्तिगत राजकोषीय व्यवहार में कोई ईमानदारी नहीं आ सकती है और इस प्रक्रिया में, आपको हर करदाता को विकास में भागीदार बनाने का दबाव भी लेना होगा।

आप जो कर एकत्र करते हैं वह राष्ट्र निर्माण में जाता है इसलिए अब हमारी टैक्स बास्केट को बढ़ाना होगा। लेकिन अधिक महत्वपूर्ण यह है कि आप जो भी कर एकत्र करते हैं और एक नए व्यक्ति को अपने कर दायरे में लाते हैं, वह व्यक्ति इंक्रीमेंटल ट्रैजेक्टरी पर आ जाता है। मैं कहना चाहता हूं कि आपके पास कुछ अनिवार्य तंत्र भी है। जब आप उस अनिवार्य तंत्र की प्रक्रिया का उपयोग करते हैं, तो उस विशेष व्यावसायिक घराने की इंक्रीमेंटल ट्रैजेक्टरी होती है। यह वृद्धि ज्योमेट्रिकल नहीं बल्कि उससे कहीं अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्वभाव से कोई भी गलती नहीं करना चाहता।

हमारे देश में सबसे बड़ी समस्याओं में से एक यह है कि हम सुव्यवस्थित कामकाज में विश्वास नहीं करते हैं। दुनिया में कुछ सबसे विकसित देश,जैसा कि वे जाने जाते हैं,उनकी मानसिकता औसत दर्जे की है। भारतीय प्रतिभा अप्रतिम है, अभूतपूर्व है। पूरी दुनिया को इसका लाभ मिल रहा है। हम कहां पर पिछड़े, हम पिछड़े क्योंकि हम अपने कामकाज में व्यवस्थित नहीं हैं। मैं एक सरल उदाहरण देता हूं कि विदेश यात्रा पर गया कोई भारतीय कभी भी केले के छिलके को गाड़ी से बाहर नहीं फेंकता है। लेकिन जैसे ही वह हमारे देश में पहुंचता है तो उसकी सोच बदल जाती है और वह इसे करना अपना अधिकार मानता है। लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के रूप में एक बड़ा कदम उठाया गया। लोगों ने पहले सोचा कि यह क्या है? लेकिन अब हम अंतर देखते हैं। ये बिल्कुल अलग तरह की मानसिकता है। मैं अब उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जब हम भारत की सड़कों पर भी अनुशासन देखेंगे। एक बार जब हम ऐसा कर लेंगे,तो हमारी सफलता उल्लेखनीय होगी।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के रूप में श्री नितिन गडकरी ने हमारे देश को वस्तुतः शीर्ष स्थान पर ला खड़ा किया है। आज हमारे पास विश्व स्तरीय एक्सप्रेसवे हैं। लेकिन हमें अनुशासित रहना सीखना होगा। एक बार जब हम अनुशासित रहने की आदत डाल लेंगे तो चीजें बहुत अलग होंगी। हमारे देश की प्रगति इस समय इस स्तर पर है कि कोई भी बड़ी अर्थव्यवस्था हमारी बराबरी नहीं कर सकती और मुझे विश्वास है कि आप परिवर्तन लाएंगे।

युवा प्रतिभाओं के साथ बातचीत हमेशा हमारे अंदर ऊर्जा पैदा करती है, क्योंकि युवा प्रतिभाएं नए विचार व्यक्त करती हैं। वे निडर हैं और उनमें कुछ नया करने की क्षमता, रूचि और योग्यता होती है और मुझे यकीन है कि आप में से प्रत्येक के पास दूसरों की जीवनशैली को बदलने की क्षमता है।

लोग आपको एक आदर्श के रूप में देखते हैं। आप सीधे स्वयं को एक उपलब्धि पाने वाले के रूप में देख सकते हैं। जैसे ही उनको आपकी सेवा और आपके निर्णय के बारे में पता चलता है, वे मानेंगे कि हां, वह व्यक्ति बुद्धिमान, प्रतिस्पर्धी दृष्टिकोण और प्रतिभाशाली हैं और इस देश के विकास के इतिहास में जमीनी स्तर के अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यकर्ता है।

साथियों, आप देश की वित्तीय स्थिति का ध्यान रख रहे हैं। एक समय था जब शारीरिक स्वास्थ्य का निर्धारण एक्स रे से होता था, फिर उसमें थोड़ा सुधार होकर यह सीटी स्कैन हुआ। यह उच्च स्तर अर्थात्, एमआरआई तक आ गया । यह एक संतुलित समूह है जिसमें से 25 लड़कियाँ हैं। मेरी भी एक बेटी है, इसलिए मैं आपके सहयोग के लिए यहां हूं।

आपके अध्यक्ष को सांख्यिकी में महारत के कारण विभाग में लाया गया है और यह सब इसलिए क्योंकि विभाग में आपके सहयोगियों ने वह योगदान दिया है। आप में से प्रत्येक एक ऐसे विभाग का हिस्सा है जो कौटिल्य द्वारा रचित सूक्ति का पालन करता है, जिसमें, "कोष मूलो दण्डः" का उल्लेख है जिसका तात्पर्य है, "राजकोष प्रशासन की जड़ है"। यदि कोई राष्ट्र विकसित है तो उसके खजाने पूर्ण हैं, यदि कोई देश कमजोर है तो उसका खजाना खाली है।

जब मैं 1989 में संसद के लिए निर्वाचित हुआ तो मुझे एक दुःखद अनुभव हुआ। हमारा विदेशी भंडार 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक गिर गया था। वास्तविक रूप में, वैश्विक वित्तीय संस्थानों के साथ अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए, स्वर्ण को देश से बाहर भेजना पड़ा। लेकिन अब मैं देख रहा हूं कि हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 596 बिलियन डॉलर है। ऐसा केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि हम अब अपने राष्ट्र को सबसे आगे रखने की राह पर हैं। आपके समर्पण, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत से देश को जो राजस्व प्राप्त हुआ, उससे शासन और नागरिक केंद्रित नीतियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।

जब मैं 1989 में संसद के लिए चुना गया तो मुझे एक दर्दनाक अनुभव हुआ। हमारा विदेशी भंडार 1 अरब अमेरिकी डॉलर तक गिर गया। भौतिक रूप में, वैश्विक वित्तीय संस्थानों के साथ अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए, सोने को बाहर भेजना पड़ा। और अब दूसरे दिन मैंने देखा कि हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 596 अरब डॉलर है। ऐसा केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि हम अब अपने राष्ट्र को प्रथम रखने की राह पर हैं। आपके समर्पण, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत से देश को जो राजस्व प्राप्त हुआ, उससे शासन और नागरिक केंद्रित नीतियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।

मित्रों, आज मुझसे 'शासन में परिवर्तन का सार और आवश्यकता' के बारे में अपनी अंतर्दृष्टि साझा करने का अनुरोध किया गया है और सौभाग्य से हमारे देश में पिछले 9-10 वर्षों में नीति निर्माण में एक बड़ा बदलाव आया है और नीति निर्माण ने न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन का आकार ले लिया है।

जब मैं पश्चिम बंगाल का राज्यपाल था, तो मुझे 10 राज्यपालों के एक समूह का अध्यक्ष बनाया गया था और मेरी टीम में मेरे सभी सुधी साथी मुझसे कहीं अधिक अनुभवी थे, इसलिए वास्तव में सकारात्मक रिपोर्ट देने के लिए मैंने माननीय प्रधानमंत्री से नीति आयोग की उपलब्धता का अनुरोध किया था। मैं अपने सहयोगियों, अति वरिष्ठ राज्यपालों के साथ विस्तार से चर्चा करता था। हमने नीति आयोग से सहायता ली और हम इस सूत्र पर पहुंचे कि हमारे देश में जो भी करना हो उसमें अनावश्यक कदम उठाने पड़ते हैं। एक फ़ाइल पर 10 हस्ताक्षरों की आवश्यकता होती है। मैंने राज्यपाल और राज्य सभा दोनों के रूप में इसे रिकॉर्ड पर रखा है कि एक फ़ाइल पर तीन या चार से अधिक लोगों द्वारा हस्ताक्षर की आवश्यकता ना हो। एक फ़ाइल एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती है जिसमें समय लगता है। जब परिवर्तन आता है तो यह कुछ समस्याओं को भी साथ लाता है। आपको परामर्श देना होगा, चीजों को संभालना होगा और अपने सहकर्मियों की मानसिकता को बदलना होगा क्योंकि हो सकता है कि वे उस बदलाव के आदी न हों। मेरी उम्र के लोग तकनीकी विकास के प्रति इतने प्रयत्नशील नहीं होंगे। तो आपको शासन में परिवर्तन के सकारात्मक मोड में आना होगा और इसका उद्देश्य लोगों के कल्याण के लिए होना चाहिए। जैसा कि पुरानी कहावत है, "परिवर्तन ही एकमात्र सत्य है"। एक ज़माना था जब शादी के लिए वी.सी.आर. की पड़ती थी पर अब रद्दी वाला भी उसे नहीं लेता। 90 के दशक के अंत तक देश में एक महान विकास हुआ, वह टेलीफोन बूथ था। लेकिन अब उनका अस्तित्व नहीं है। परिवर्तन! मैं उस युग से हूं जहां कोई सोशल मीडिया, टेलीविजन, इंटरनेट, कंप्यूटर नहीं होता था, केवल हाथ से टाइप करने वाला टाइपराइटर था। परिवर्तन! हमें बदलाव के अनुरूप ढलना होगा और अच्छी बात यह है कि इस बदलाव में हमारा भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और अन्य हमारा अनुसरण कर रहे हैं। 130 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या वाले भारत में जब सीधा अंतरण होता है तो कहते हैं हमारे देश में कैसे हो सकता है। आज के दिन जो देश में हो रहा है, उसकी जानकारी यदि अगर आम नागरिक को होती है, तो सीना फूल जाएगा। आप अंदाजा लगा सकते हो, कि 1 अप्रैल 2020 से आज तक 80 करोड़ से ज्यादा लोगो को सरकार की तरफ से भोजन दिया जा रहा है। एफसीआई द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले चावल, अनाज और दालों को उपलब्ध किया जा रहा है।

पहले हम क्या सोचते थे? यदि गांव में 1000 घर हैं, तो 2 घर भी विद्युतीकृत हो गए, तो पूरा गांव विद्युतीकृत हो गया । अब ऐसा है कि क्या गांव के 100% घर विद्युतीकृत हो गए हैं?

मैं तब बड़ा संतुष्ट हुआ, जब जल जीवन मिशन के सचिव उपराष्ट्रपति भवन में आए और कहा कि हमारा उद्देश्य है कि हर घर में नल हो, उस नल में जल हो, वह शुद्ध हो, नियमित हो, और गुणवत्तायुक्त भी हो। इसलिए मैंने सचिव से अनुरोध किया कि वे मुझे मेरे गांव की स्थिति के बारे में बताएं? एक अधिकारी ने उठकर मुझसे मेरे जिले, ब्लॉक और गांव के बारे में पूछा और उन्होंने तुरंत बताया कि 70 प्रतिशत घरों में नल और जल है।

हिंदुस्तान बदल रहा है। आप अपने गांव में जाकर देखेंगे, आज के दिन जो इकोसिस्टम बदला उसका अंदाजा नहीं है। किसी को ट्रेन की टिकट चाहिए, पासपोर्ट एप्लीकेशन करना है, हो जायेगा, पहले बिजली का बिल जमा करवाने के लिए छुट्टी लेनी पड़ती थी, क्योंकि लाइन होती थी। अब ऐसा नही है।

सेवा वितरण तीव्र गति के साथ पूरी तरह अद्भुत हो गया है। एक नया कानून राज्य सभा ने तैयार किया है, राष्ट्रपति जी के दस्तखत होने के बाद, कितनी सहूलियत हो जायेगी, जो मध्यकता विधेयक है, मैंने उसका बहुत गहरा अध्यन किया है। यह ऐसे व्यक्ति को सहायता देने का एक मंच है जो अन्यथा असहाय है, इससे समाज का एक बड़ा वर्ग प्रभावित होगा जो हांसिए पर है। पहले अधिकांश अपराधियों के बारे में जो छोटे अपराध थे, लेट फाइल कर दिया, या गलत डिक्लेरेशन हो गया, सज़ा थी जेल। 40 से ज्यादा अधिनियमों में बदलाव कर दिया गया है, और जेल का प्रोविजन हटा दिया गया है। यह जो बदलाव आ रहा है, यह देश को आगे ले जाएगा। यह बहुत पहले किया जाना चाहिए था लेकिन अब चीजें सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

आपदा हमेशा एक अवसर होता है, चुनौती हमेशा एक अवसर होती है, अगर आप कमजोरी दिखाते हैं और सही तरह का रवैया नहीं दिखाते हैं तो चुनौती चिंताजनक हो जाती है। लेकिन जब आप चुनौती का डटकर सामना करने का निर्णय लेते हैं, तो यह एक अवसर बन जाती है। एक चुनौती 1991 में आई थी और हमारे यहां उदारीकरण हुआ था, प्रगति धीमी थी, लेकिन फिर 2014 के बाद यह तेजी से बढ़ रही है। मैं राजनीति में अंशधारी नहीं हूं। मुझे इसकी चिंता नहीं है कि राजनीतिक दल क्या करते हैं, यह उनका मामला है। लेकिन मैं देश के सुशासन में साझेदार हूं। मैं आपके साथ साझेदार हूं, लेकिन आपकी साझेदारी मुझसे अधिक है, क्योंकि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ जीवन जी लिया है, लेकिन आपको अपना सर्वश्रेष्ठ जीवन जीना है। अपना सर्वश्रेष्ठ जीवन जीने के लिए आपको अधिक कार्यात्मक होना होगा। तो इतना बड़ा बदलाव क्यों आया? 30 वर्षों तक देश गठबंधन शासन की अनिश्चितताओं को देख रहा था। 2014 में देश में एकल दल की सरकार आई, जो 2019 में मजबूत हुई। हो सकता है कि कुछ लोग मेरे कथन को सही परिप्रेक्ष्य में न समझें कि मैं कुछ राजनीतिक बात कह रहा हूं। लेकिन, मेरे सामने प्रतिभावान व्यक्ति हैं, मैं आपको केवल इतना बता रहा हूं कि आप शासन में सबसे महत्वपूर्ण हितधारक हैं। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे देश का उत्थान स्थिरता के आधार पर हो, जिसके परिणामों की हमने कल्पना नहीं की थी वह हम वास्तव में होते हुए देख रहे हैं हमने जमीन पर देखे हैं।

कुछ दिन पहले जी-20 कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया गया, इसे नए संसद भवन की तरह रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया, जो 30 महीने में बन कर तैयार हो गया, केवल भवन ही नहीं, अंदर भी काफी कुछ निर्माण किया गया है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते, इसलिए दूरदर्शी नेतृत्व के साथ क्रियान्वयन करने की हमारी क्षमता अद्वितीय है।

भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, अब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं। आर्थिक विकास मौलिक है लेकिन यह अत्याधुनिक और प्रासंगिक तब हो जाता है जब यह आम लोगों के जीवन में बदलाव लाता है। मेरा दृढ़ विश्वास है और यह अर्थव्यवस्थाओं का एक बुनियादी सिद्धांत है कि आप एक आदमी को भोजन से मदद कर सकते हैं, आप एक आदमी को पैसे से मदद कर सकते हैं, आप हर तरह की सहायता दे सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ी मदद उस व्यक्ति को खुद की मदद करने के लिए सशक्त बनाना और यह देखना कि सरकार की निधियां आम तौर पर पूंजीगत निधियों के लिए होती हैं, न कि उन चीजों के लिए जो लंबे समय तक नहीं चलती हैं। हमें देश में विकास की आदत अपनानी है होगी, जो दीर्घकालिक हो।

हमारी नियामक व्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि चेयरमैन के नेतृत्व में, सीबीडीटी ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। यह विभाग सभी करदाताओं के जीवन से संबंधित है। इसलिए एक बड़ा बदलाव किया गया है। यदि आप अधिक से अधिक लोगों को कर के दायरे में लाते हैं तो आप एक महान सेवा करेंगे और आप भले ही भारतीय राजस्व सेवा में नहीं होंगे, परंतु एक अविश्वसनीय राजस्व सेवा करेंगे। इससे आप उनकी मदद करेंगे। उन्हें ये कहने में ख़ुशी होगी कि हम कर देते हैं। यह कहते ही उनका मन प्रफुल्लित होगा कि हमारा पैसा कहां खर्च हो रहा है? इससे वे राष्ट्र के कामकाज में भागीदार बनेंगे।

राज्य सभा में ई-ऑफिस को आपकी सेवा के ही एक सदस्य द्वारा क्रियाशील बनाया जा रहा है। अब, अगर आप राज्य सभा के सभापति की कार्यप्रणाली देखें, तो मैं पूरी तरह से डिजिटल हूं। मेरी उम्र का व्यक्ति अब डिजिटल होने के लिए बाध्य है, जो आपकी सेवा की क्षमता को बयां करता है।

सबसे क्रांतिकारी और मौलिक परिवर्तन जो शानदार परिवर्तन लाने वाला साबित हो रहा है वह है प्रौद्योगिकी को अपनाना। प्रौद्योगिकी को अपनाने का एक और महत्वपूर्ण पहलू है, जो लोग शॉर्टकट अपनाना चाहते हैं, जो बड़ी खरीदारी करके छिपाना चाहते हैं, अब उनका खेल खत्म हो गया है। जब वे ऐसा करते हैं तो विभाग को पता चल जाता है कि वे ऐसा कर रहे हैं। क्योंकि आपने एक मॉड्यूल और एक तंत्र विकसित किया है, जो बहुत सफल है। मैं उन महान तकनीकी अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित नहीं करता हूं जिनका विभाग ने करदाताओं की चिंता खत्म करने के लिए निर्बाध रूप से उपयोग किया है।

निर्धारण वर्ष 2023-24 में 31 जुलाई, 2023 तक 6.77 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए। यह गत वर्ष दाखिल किए गए रिटर्न की तुलना में 16 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। एक ऐसी उपलब्धि जिस पर श्री गुप्ता और उनकी टीम गर्व कर सकती है। उनकी टीम ने जो किया है, वह हमें गौरवान्वित करता है और हम दुनिया को हमारी संभालने की क्षमता बता सकते हैं। 31 जुलाई 2023 को, एक ही दिन में 64 लाख और उससे अधिक आईटीआर दाखिल किए गए, जो तकनीकी अनुप्रयोग की ताकत, इसकी दक्षता और इसकी सुदृढ़ प्रकृति को दर्शाता है।

मित्रों, सिविल सेवकों को राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्राइड (गर्व) के साथ प्रतिबद्ध होना चाहिए जो निम्नानुसार है-

पी: पब्लिक सर्विस विदआउट पर्सनल बायस अर्थात् व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों के बिना सार्वजनिक सेवा, जो बहुत महत्वपूर्ण है। व्यवस्था को पूर्वाग्रह, पक्षपात, संरक्षण भ्रष्ट करते हैं। ऐसे प्रलोभनों के आगे झुक जाना मानव स्वभाव है। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आपके विभाग ने एक ऐसा तंत्र बनाया है जहां व्यक्तिगत पूर्वाग्रह तकनीकी रूप से मिटा दिए गए हैं।

आर: रूल ऑफ़ लॉ इम्प्लीमेंटेड एट ग्रासरुट लेवल्स अर्थात् जमीनी स्तर पर विधि का शासन लागू किया गया।

आई: इंटिग्रेटी इन डीलिंग विद द पब्लिक अर्थात् जनता के साथ व्यवहार में सत्यनिष्ठा।

डी: डिवोशन टू ड्यूटी अर्थात् कर्तव्य के प्रति समर्पण।

ई: एफिशिएंसी इन अचीविंग पॉलिसी टार्गेट्स अर्थात् नीतिगत लक्ष्यों को प्राप्त करने मंं दक्षता।

मैं आपको बता दूं कि आपके प्रयास देश के लिए अपरिहार्य हैं। यदि आप अपने दायित्वों से विमुख होंगे तो राष्ट्र को नुकसान होगा। मित्रों, मैं आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ। मैं आपको अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएं देता हूं। मुझे विश्वास है कि आप 2047 के भारत के जमीनी स्तर के अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यकर्ता और योद्धा हैं। आप लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए निडर होकर, बिना थके, बिना तनाव के काम करें। जिस क्षण आप उस दिशा की तरफ जाएंगे, आपका जीवन अपने आप बदल जाएगा।

मैं विशेष रूप से भूटान के हमारे दो मित्रों का अभिनंदन करता हूं, आप सभी से अनुरोध है कि उनके संपर्क में रहें। मुझे विभिन्न सेवाओं के प्रशिक्षुओं से मिलने का सौभाग्य मिला और मैंने पाया कि भूटान हमेशा यहां मौजूद रहता है। आपके जीवन भर उनके साथ अच्छे संबंध रहेंगे। भूटान एक अच्छा, प्राकृतिक रूप से सुन्दर देश है जहाँ प्रकृति का भरपूर आशीर्वाद है। अपने लोगों के लिए हमारी शुभकामनाएँ और अभिवादन स्वीकार करें।

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। जय भारत!