आप सभी को सुप्रभात!
यह सैनिक स्कूल की भावना है, मैं उत्साहित हूं और आप सभी और भी उत्साहित हैं। मेजर जनरल आर.एस. गोदारा, अध्यक्ष, मैं व्यक्तिगत रूप से उनका आभारी हूं, उन्होंने सैनिक स्कूल से गहरा जुड़ाव दिखाया है, उन्हीं की प्रेरणा से उपराष्ट्रपति के रूप में मैं सात दशकों के बाद सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ में पहुंच सका, मैं उनका आभारी हूं। मेजर जनरल सतबीर, जब मैं बंगाल राज्य का राज्यपाल था, तब मुझे उनके साथ काम करने का अवसर मिला, वह सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के पूर्व छात्र हैं, लेकिन उन्होंने मुझे सैनिक स्कूल पुरुलिया का दौरा करवाया, जो एक यादगार यात्रा थी। कर्नल अनुराज महाजन, उनकी पत्नी के रूप में उनके पास एक मज़बूत ताकत है, और मुझे यकीन है कि एकजुट होकर वे स्कूल को भविष्य के अग्रणी सैनिक स्कूलों में से एक बनाने में योगदान देंगे।
शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्रों, मित्रों और सबसे महत्वपूर्ण युवकों और युवतियों, मुझे वह दिन याद आ गए जब पहली बार मैं सैनिक स्कूल गया था। गांव से गया था, शहर को देखा नही था। एकदम नया वातावरण दिखा। वह मेरे जीवन में एक बड़ा बदलाव था, वह एक महत्वपूर्ण मोड़ था। आज मैं जो कुछ भी हूं उसकी नींव यही थी। इसलिए मैं आपको यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिए बधाई देता हूं। यह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अन्यत्र उपलब्ध शिक्षा से बहुत भिन्न है। मैंने देखा है, जो भी सैनिक स्कूल से निकलता है जहाँ भी कहीं जाता है, फौज में जाए, सिविल सर्विस में जाए, राजनीति में जाए, सामाजिक कार्य में जाए, जीवन भर के लिए अपनी छाप छोड़ जाता है। आप इस देश का भविष्य हैं; आप इस देश को आकार देंगे। लेकिन बालकों और बालिकाओं, आप भाग्यशाली हैं। आप भाग्यशाली हैं कि आप ऐसे समय में यहां हैं जब भारत इतना आगे बढ़ रहा है जितना पहले कभी नहीं हुआ था, भारत का उत्थान अबाध है, हम दुनिया में नंबर एक बनने जा रहे हैं जब हम 2047 में अपनी आजादी की शताब्दी मनाएंगे। और यह संभव क्यों होगा? कैसे होगा? उसको संभव आप लोग करेंगे। आपकी प्रतिबद्धता, आपका दिशात्मक दृष्टिकोण, समाज के प्रति आपकी सेवा भारत को सदैव गौरवान्वित करेगी!
कभी सोचा था कि भारत इतिहास रचेगा, 23 अगस्त, शाम 6.04 बजे चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग हुई। सफल लैंडिंग। इतिहास रचा गया! भारत यह गौरव पाने वाले चार देशों में से एक बन गया, लेकिन यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का सम्मान पाने वाला दुनिया का एकमात्र देश है। चंद्रमा पर शिव शक्ति अंकित हुआ जहां हमारा चंद्रयान 3 उतरा था। चंद्रमा का नक्शा हमारे वैज्ञानिकों और हमारे प्रधान मंत्री की दूरदर्शिता द्वारा अमिट रूप से लिखा गया है। एक अन्य स्थान, तिरंगा, भी अंकित हुआ क्योंकि चंद्रयान 2 वहां पहुंचा था।
मैं आपके साथ एक उदाहरण साझा करना चाहता हूँ। 2019 में, मैं पश्चिमी बंगाल का राज्यपाल था। चंद्रयान 2 को आधी रात के बाद 2 बजे के बाद चंद्रमा पर उतरना था। मैं साइंस सिटी, कोलकाता गया था, मैंने आप जैसे सैकड़ों युवा छात्रों, लड़कों और लड़कियों को आमंत्रित किया था, हम लाइव देख रहे थे, हम सीधे इसरो से जुड़े थे और अचानक हमने पाया कि लैंडिंग सही नहीं हुई, एकदम सन्नाटा छा गया, और अचानक हम भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को देखते हैं, वे इसरो में थे, उन्होंने निदेशक की पीठ थपथपाई, 96% सफलता के लिए बधाई दी, 4% अगली बार हमारे पास होगी! यही जज्बा है, यही हमें समझने की जरूरत है। मुझे आप से कुछ कहना है, इसमें बहुत महत्वपूर्ण एक मुद्दा है …हमने जो चंद्रयान की सफलता की है, यह अन्य देशों की तुलना में गुणात्मक रूप से अधिक महत्वपूर्ण है। इसलिए असफलता से कभी मत डरो, फेल होने का डर आपकी ताकत को बहुत कम कर देता है, कभी चिंता मत करो, कभी तनाव मत लो। आप काफी बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहेंगे। सैनिक स्कूल में मैं हमेशा कक्षा में अव्वल आता था, मुझे हमेशा यह डर सताता था कि अगर मैं प्रथम नहीं आ सका तो क्या होगा? मैंने स्कूल टॉपर बनकर छोड़ा था। बाद में मुझे पता चला कि एक नंबर पर आ जाओ तो ठीक है लेकिन दो नंबर पर भी आ जाओ तो भी कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। इसलिए अपने व्यक्तित्व का समग्र विकास करें।
यह स्कूल की शुरुआत है। यह एक अच्छा परिसर है। लेकिन मैं यह सुनिश्चित करने के लिए गहरे जुनून और मिशन के साथ यहां से जाऊंगा की स्कूल के अंदर फैसिलिटी में उत्तरोत्तर, वृद्धिशील प्रगति हो। और मैं उस दिशा में माननीय प्राचार्य का दृढ़ संकल्प देखता हूं। वह यह करेंगे।
आप इस संस्थान के शुरुआती बैच हैं जैसे मैं सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ का था। मुझे याद है उस समय सैनिक स्कूल क्या था। आपके संस्थान का भी उस स्तर तक ऊपर उठना तय है, यह केवल समय की बात है। 1989 में मैं झुंझुनू से संसद के लिए चुना गया। मैंने यह निर्णय लिया कि एक अच्छे कारण के लिए झुंझुनू में एक सैनिक स्कूल होना चाहिए। देश के इस क्षेत्र ने रक्षा बलों के लिए बड़े पैमाने पर मानव संसाधन का योगदान दिया है और सर्वोच्च बलिदान भी दिया है। मैंने झुंझुनू में सैनिक स्कूल होने की वकालत की थी, मेरे लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है, वह सपना अब जमीनी हकीकत है। मैं आपके सैनिक के रूप में कार्य करूंगा। मैं इस तरह से कार्य करूंगा कि ऐसे सभी अभिकरण जो इस संस्था के विकास में योगदान दे सकते हैं- उन्हें अपना योगदान देने का मौका मिले। आप लोग एक-एक पल यहां बितायेंगे- जो आपके जीवन की यात्रा की पटकथा लिखेगा!
बालकों और बालिकाओं, सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के पूर्व छात्र के रूप में, मैं इस देश का उपराष्ट्रपति और राज्यसभा का सभापति बनने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं सात खेप में सभी छात्रों को अपने अतिथि के रूप में दिल्ली आने के लिए आमंत्रित करता हूं, मैं वह व्यवस्था करूंगा। खेपों में, आपको नए संसद भवन, संसद की कार्यप्रणाली, प्रधान मंत्री संग्रहालय, राष्ट्रीय समर स्मारक, भारत मंडपम को देखने का अवसर मिलेगा - और तब आपको पता चलेगा कि जब विकास की बात आती है तो भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है।
बालकों और बालिकाओं, मैं आपको बता दूं, आप कितनी भाग्यशालि हैं आप उस समय भारत में योगदान दे रहे है जब भारत का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। सितंबर 2022 में भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया और हमने उन अंग्रेजो को पछाड़ा है जिन्होंने हम पर सदियों तक राज करा। इस दशक के अंत तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। एक जमाना था जब लम्बी कतार लगती थी टिकट्स के लिए हवाई जहाज की टिकट हो बस की टिकट हों, राशन कार्ड बनाना हो, बिजली का बिल पेमेंट करना पड़े, लम्बी लाइनें लगती थीं। अब, भारत में तकनीकी पहुंच ग्रामीण स्तर तक हो गई है। दुनिया के अंदर कोई उदाहरण नहीं है जहां 220 करोड़ कोवैक्सीन सर्टिफिकेट लोगो के मोबाइल पर हो यह अमरीका भी हासिल नहीं कर पाया। धन का प्रत्यक्ष अंतरण भ्रष्टाचार को संकुचित करता है। अब पैसा बिना बिचौलिए के आखिरी आदमी तक पहुँचता है।
हमारा भारत वैश्विक लेनदेन में 46% का योगदान देता है। 2022 में हमारा प्रत्यक्ष डिजिटल अंतरण संयुक्त राज्य अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के कुल अंतरण से चार गुना था। आप इसी समय में जी रहे हैं। आप ऐसे समय में जी रहे हैं जहां भारत में इंटरनेट की प्रति व्यक्ति डेटा खपत संयुक्त राज्य अमरीका और चीन की तुलना में अधिक है।
मित्रों, आज के लिए आपको एक ऐसा माहौल मिल रहा है जहा भारतीय होना दुनिया में एक बहुत बड़े सम्मान की बात है| अपनी योग्यता के अनुसार सोचें। कोई तनाव या मजबूरी न रहें। आप में से प्रत्येक इस देश के विकास में योगदान देगा। आपको एक अच्छा मौका मिला है, एक अच्छा माहोल मिला है| आप किन किन जगह से यहाँ आये है यह एक शेयरिंग ऑफ़ कल्चर होगा शेयरिंग ऑफ़ कल्चरल स्टाइल होगी और अभी तो शुरुआत है, आपको हर 6 महीने में इस स्कूल की प्रगति में नया आयाम मिलेगा |
मेरे मन में कोई शंका नहीं है, भारत का भविष्य उज्जवल है, ये जो महायज्ञ हो रहा है इसमें हर कोई आहुति दे रहा है और आपकी आहुति की वजह से…आप 2047 में भारत के सैनिक हैं, आप और आपकी उम्र के युवक और युवतियाँ तय करेंगे कि 2047 में भारत कहाँ होगा, और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि 2047 में भारत दुनिया के शिखर पर होगा, और सोचे क्यों नहीं? कौनसा देश है जिसकी इतनी बड़ी संस्कृति हज़ारो साल की संस्कृति ? हमारे सभ्यतागत लोकाचार हजारों साल पुराने हैं। हमारे पास विश्व स्तरीय संस्थान थे - जिनमें से कुछ थे तक्षशिला, नालंदा। आर्थिक दृष्टि से हम दुनिया के प्रमुख राष्ट्रों में से एक थे, नंबर एक पर थे। हम केवल वह स्थिति पुनः प्राप्त कर रहे हैं।
आप में से हर एक से मेरी दिल्ली में मुलाकात होगी|
जय हिन्द!
धन्यवाद