आप सभी को शुभ संध्या और नमस्कार।
भारत सरकार की विदेश राज्य मंत्री, श्रीमती मीनाक्षी लेखी; नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार; नेवी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष श्रीमती कला हरि कुमार; सैनिकों और यहां उपस्थित सभी लोग।
यह हम सभी के लिए एक सुखद क्षण है। जी20 सचिवालय के सहयोग से भारतीय नौसेना, नेवी वेलफेयर वेलनेस एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस असाधारण जी20 थिंक कार्यक्रम में शामिल होकर मैं बेहद सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
जी20 थिंक के साथ स्कूल प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं को वैश्विक मंच पर लाने के नौसेना के विचारशील प्रयास की चारों तरफ़ सराहना हुई है। भारत द्वारा प्रतिष्ठित जी20 की अध्यक्षता करने के साथ ही भारतीय नौसेना प्रश्नोत्तरी थिंक इस वर्ष ‘आजादी का अमृत काल’ मनाने हेतु वैश्विक स्तर पर पहुंच गई। और, अब मैं एडमिरल की बात का उत्तर देता हूं। आपकी क्षमताएं असीमित हैं, क्योंकि आप ‘क्षितिज से आगे तक जाते हैं’ और आपने यही करके दिखाया है।
पारंपरिक सीमाओं से परे जाकर नौसेना ने इस प्रतियोगिता जी20 थिंक को जी20 राष्ट्रों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मित्रता को बढ़ावा देते हुए एकता के प्रतीक में बदल दिया है।
मित्रों, यह पहल न केवल हमारी समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने, बल्कि वैश्विक बौद्धिक विमर्श और सहयोग में योगदान देने की नौसेना की प्रतिबद्धता के बारे में भी बहुत कुछ बताती है। इस आयोजन में दुनिया भर के युवा और प्रतिभाशाली मस्तिष्कों की भागीदारी देखने को मिली है। इसने जी20 भागीदारों के साथ मित्रतापूर्ण संबंधों को मजबूत बनाने में योगदान दिया है।
कल्पना कीजिए कि जब वे स्क्रीन पर आए तो उन्होंने किस तरह की भाव-भंगिमा का प्रदर्शन किया। मैं उनकी वेश भूषा से बिल्कुल मंत्रमुग्ध सा हो गया। मैंने इसके बारे में जानकारी ली। उन सभी को अपने घर से दूर, यहां पर संस्कृति की इस भूमि में घर जैसा महसूस हुआ। यह है हमारा भारत ।
मैं वास्तव में युवाओं के इस प्रभावशाली चुनौतीपूर्ण जुड़ाव से अभिभूत हूं, जिससे उत्पादक और प्रभावशाली लोगों के आपसी जुड़ाव का संकेत मिलता है। वैश्विक स्तर पर लोगों में आपसी जुड़ाव अत्यधिक प्रभावशाली है और इससे दुनिया में सद्भाव और शांति हासिल करने में काफी मदद मिलती है।
इन प्रभाव्य प्रतिभाओं में आपसी जुड़ाव पैदा करना गेम चेंजर सिद्ध होगा और मुझे यकीन है कि इस तरह के कार्यक्रम आगे भी होते रहेंगे।
नवोन्मेषी कार्यक्रम जी20 थिंक से एक अनूठा अनुभव मिला है और मित्रों, यह कई मायनों में बेजोड़ है। जिस तरह से इसका संचालन किया गया है, जिस तरह से प्रतिभागियों को इस देश के कोने-कोने और इस देश की संस्कृति से अवगत कराया गया है, वह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर हजारों युवा मस्तिष्कों को बौद्धिक अनुभव प्रदान कर रहा है। अनुभव से मिलने वाली शिक्षा का कोई विकल्प नहीं है। अनुभव सबसे महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, हम पर अनुभव की अमिट छाप पड़ जाती है।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता की अवधारणा बहुत सोच-समझकर विकसित की गई है और यह ‘वसुधैव कुटुंबकम’ को दर्शाता है, जो 1000 वर्षों से हमारी थीम रहा है। हम 1000 वर्षों के लोकाचार के साथ दुनिया की बेजोड़ सभ्यता हैं और यह बात सबसे अधिक प्रभावशाली ढंग से तब परिलक्षित हुई, जब हमने लगभग एक वर्ष तक पूरे देश में जी20 कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस अवधारणा का अभिप्राय यह है कि पूरा विश्व एक परिवार है।
यह राष्ट्र, भारत हमेशा से ही इस उदात्त सिद्धांत का समर्थक रहा है। और इस परिप्रेक्ष्य में, यह जी20 की विषय वस्तु के अनुरूप है। और यह विषय वस्तु पूरी दुनिया को शांति, समृद्धि और खुशहाली का संदेश देती है और यह विषय वस्तु है ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य।’ यह विचार 5000 वर्षों से अधिक समय से हमारी सभ्यता का अभिन्न अंग रहा है।
निर्बाध प्रबंधन के साथ इसे शानदार सफलता दिलाने का श्रेय सभी हितधारकों को जाता है, इसमें कोई कमी नहीं रही है। नेशनल राउंड में 11,000 विद्यालयों की भागीदारी देखी गई, जिसमें कक्षा 9वीं से 12वीं के या समकक्ष छात्रों ने भाग लिया और उनकी बुद्धिमत्ता का परीक्षण किया गया।
यह आंकड़ा देखिए। देश के हर हिस्से से 11,000 से अधिक विद्यालयों ने भाग लिया। यह एक ज़बरदस्त और कड़ी प्रतिस्पर्धा थी।
इसमें डीएवी पब्लिक स्कूल, गुरुग्राम विजेता बना और हमने यहां उनके बीच बैठकर उनको उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देखा। जो अधिक महत्वपूर्ण है और जिससे समाविष्टि का संकेत मिलता है, वह यह है कि अंतर्राष्ट्रीय दौर में जी20 और अन्य 9 देशों ने इसमें भाग लिया है एवं यह संख्या 23 रही और ये दुनिया के विभिन्न महाद्वीपों से आए थे, सेमीफाइनल में बराबरी की टक्कर थी।
जब मैंने परिणाम घोषित होते देखा, तो मैं खुद बेहद उत्साहित महसूस कर रहा था, प्रसन्नता का अनुभव कर रहा था। यह मेरे लिए हमेशा याद रखने और संजोए जाने योग्य क्षण था। विजेताओं और प्रतिभागियों के लिए भी यह ऐसा ही क्षण था।
यह सिर्फ एक प्रतियोगिता की ही खुशी नहीं मनाई जा रही है। हम जिज्ञासा, ज्ञान और मित्रता की सामूहिक भावना का जश्न मना रहे हैं और इसने हमें एकजुट किया है।
मैं अपनी तरफ से विजेता टीम की प्रशंसा करना चाहूंगा। सिंगापुर को बधाई!
यह केवल संयोग की बात है कि वे भारतीय मूल के लोग हैं।
आपके समर्पण, कड़ी मेहनत और बुद्धिमत्ता ने आपको वैश्विक चुनौती के बीच इस स्थान तक पहुंचाया है। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इतने बड़े आयोजन में हर प्रतिभागी विजेता होता है। जैसा कि माननीय मंत्री जी ने भी कहा था। प्रत्येक प्रतिभागी विजेता है। हर मायने में, प्रत्येक प्रतिभागी एक टीम है, यहां प्रतिनिधित्व करने वाला प्रत्येक राष्ट्र एक विजेता है।
गर्व के साथ अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रत्येक प्रतिभागी ने विचारों और दृष्टिकोणों का ऐसा समृद्ध चित्रपट प्रस्तुत करने में योगदान दिया है जिससे इस तरह के कार्यक्रम इतने समृद्ध बनते हैं और उत्साहित करते हैं।
इस दौरान बने रिश्ते, सीखे गए सबक और निर्मित यादें जीवन भर का खजाना हैं। दुनिया की कुल आबादी का छठा हिस्सा भारत में रहता है और कल्पना करें कि यहां के युवा प्रभाव्य लोग ऐसे ही प्रभाव्य लोगों के संपर्क में आते हैं, तो वे बहुत आगे तक जाएंगे। इस जुड़ाव का व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा।
जबकि भारत 1 दिसंबर, 2023 को ब्राजील को जी20 का नेतृत्व सौंपने जा रहा है वहीं उसी सिलसिले में जी20 थिंक दिसंबर 2022 से आयोजित महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय घटनाओं की एक श्रृंखला के समापन अध्याय को बखूबी दर्शाता है ।
मित्रों, दुनिया ने हमारे समावेशी अभूतपूर्व उत्थान और हमारी समृद्ध और जीवंत संस्कृति को स्वीकार किया है और इनकी झलक 60 से अधिक स्थानों पर 200 संवादों में दिखाई दी। तमाम समारोह आयोजित हुए और जी-20 की छाप देश के हर राज्य और संघ राज्य क्षेत्र में नजर आई।
भारत द्वारा जी20 की अध्यक्षता ने वैश्विक मंच पर इस राष्ट्र का कद बढ़ाया है। ऐसे संगठन को देखकर दुनिया दंग रह गई और इसका परिणाम मानवता के लिए कल्याणकारी रहा। हमारी अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी और जन-केंद्रित रही है।
यह हमारी जीवन शैली और हमारे वैश्विक दृष्टिकोण दोनों का प्रतीक है। यह एक ऐसा सूत्र है जो हमें न केवल एक राष्ट्र के सदस्य के रूप में, बल्कि एक वैश्विक समुदाय के अभिन्न अंग के रूप में एक साथ जोड़ता है।
आज, यह दुनिया के लिए शांति, सद्भाव और मानवतावाद के लिए भारत का स्पष्ट आह्वान बन गया है!
इस नेतृत्व के विज़न ने सच में ऐसा कर दिखाया है और मैं इस बात पर जोर देता हूं कि यह एक अद्वितीय जी20 कार्यक्रम रहा है, एक अद्वितीय जी20 अध्यक्षता रही है। यह ‘लोगों का जी20’ बन गया और पूरे देश में एक उत्सव के रूप में मनाया गया और पूरे विश्व के सदस्यों ने इसका आनंद उठाया।
इसके परिणाम सुखद, संपूर्ण और राजनीतिज्ञों जैसा रहा है। भारत की अध्यक्षता ने ग्लोबल साउथ की आवाज़ को जी20 चर्चा के केंद्र में ला दिया है। यह वैश्विक राजनीति में गेम चेंजर है।
भारत की पहल और विचारशील प्रयासों के आधार पर अफ्रीकी संघ को जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया जाना एक ऐतिहासिक कदम है। यह समावेशन जी20 को अभूतपूर्व रूप से मजबूती प्रदान करेगा।
नई दिल्ली में जी20 नेताओं की घोषणा के संबंध में कई तरह की चिंताएं थीं, दुनिया भर की नजर इसपर थी कि क्या यह विभाजनकारी होगा, क्या वे सर्वसम्मति हासिल कर सकेंगे और अंततः हमारा समावेशी दृष्टिकोण, प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण और वैश्विक कल्याण की व्यापक प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप एक सर्वसम्मत दस्तावेज तैयार हुआ, जो वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए एक दूरगामी दस्तावेज़ है।
जी20 नेताओं की घोषणा कोई दस्तावेज नहीं, बल्कि यह एक ऐतिहासिक घोषणा है। इसकी विषयवस्तु यह संकेत देती है कि भविष्य में राष्ट्र विधि सम्मत शासन-व्यवस्था और वैश्विक व्यवस्था के अनुसार स्वयं को कैसे संचालित करेंगे।
यह उत्तर-दक्षिण विभाजन को पाटने और मजबूत पूर्व-पश्चिम ध्रुवीकरण पर काबू पाने में भारत की भूमिका की वैश्विक स्वीकृति है। इन दोनों पहलुओं के साथ चुनौतियां थीं। इनपर विशेष ध्यान नहीं दिया गया था । हमारे प्रधानमंत्री ने कड़ी मेहनत की, उनके पास एक विजन है और उन्होंने इसे क्रियान्वित किया और इस घोषणा के रूप में इसे संभव करके दिखाया।
इस प्रकार यह विन्यास संबंधी विभाजनों से जूझ रही दुनिया में शांति और संयम की आवाज के रूप में भारत की पहचान बन गया है।
शिखर सम्मेलन के दौरान भारत द्वारा की गई भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा जैसी पहल जो बहुत ही महत्वपूर्ण घटनाक्रम हैं, वैश्विक अर्थव्यवस्था को काफी प्रभावित करेगी। यह और इसके साथ वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस) फलीभूत हो पाया है। इन दोनों ऐतिहासिक कदमों ने भारत के लिए प्रमुख नेतृत्व वाली भूमिका के साथ एक दूसरे से और अधिक जुड़े हुए भविष्य के बीज बो दिए हैं।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना लोकतंत्र है, लोकतंत्र की जननी है और इसने इस वर्ष अक्तूबर में नौवें जी20 संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन या पी20 की मेजबानी भी की है।
इसके साथ ही, दुनिया भर के संसद सदस्य एक साथ आए और उन्होंने जी20 प्रक्रिया में प्रभावी और सार्थक संसदीय योगदान देने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
प्रधानमंत्री ने इस वर्ष वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के दो सत्रों की भी मेजबानी की है। इसलिए, भारत ने अनिवार्य रूप से एक ही वर्ष में चार ऐसी बैठकें आयोजित की हैं, जिनमें दुनिया के 150 से अधिक नेताओं ने भाग लिया है! यह मौजूदा दौर में भारत की प्रासंगिकता का उदाहरण प्रस्तुत करता है।
यह वैश्विक स्तर पर भारत की संयोजन शक्ति और प्रधानमंत्री के नेतृत्व को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है।
मित्रों, मैं रोमांचित हूं! मैं नौसेना का आभारी हूं। हाल ही में, मैंने नौसेना द्वारा आयोजित कुछ समारोहों में भाग लिया है। वे अपने आप में अनोखे थे। वे अत्यंत विचारोत्तेजक, बहुत ही कुशलता से प्रबंधित थे, लेकिन यह वास्तव में अद्वितीय था। हमें उन लोगों की सराहना करनी होगी जिनके मन में यह महान विचार आया। इस विचार में शुरुआत से ही वैश्विक संयोजकता का प्रमुख केंद्र और अधिकेंद्र बनने की क्षमता है।
इतने बड़े पैमाने पर व्यापक संभावनाओं वाले इस कार्यक्रम का ऐसी त्रुटिरहित रीति से, जिसका पहले भी उल्लेख किया गया है, आयोजन करने में अपनी दूरदर्शिता और समर्पण प्रदर्शित करने के लिए भारतीय नौसेना, नेवी वेलफेयर एंड वेलनेस एसोसिएशन और जी20 सचिवालय को मेरी बधाई।
जबकि हम भविष्य की ओर देख रहे हैं, जी20 थिंक की भावना को निरंतर जारी रखना चाहिए, जो हमें याद दिलाती रहेगी कि हमारी विविधतापूर्ण पृष्ठभूमि के बावजूद हम एक उज्जवल तथा और अधिक पारस्परिक रूप से जुड़े हुए विश्व के निर्माण के अपने साझे प्रयास से एकजुट हैं।
आइए हम ऐसे भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना जारी रखें, जहां सहयोग की कोई सीमाएं न हों।
मित्रों, यह एक आनंददायक क्षण होगा यदि क्विज मास्टर से भी सवाल-जवाब किए जाएं और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रतिभागियों और विजेताओं की व्यापक प्रतिभा को देखते हुए क्विज मास्टर अपने साथ कई सबक घर लेकर जाएगा।
जय भारत!
23 नवम्बर, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित जी20 थिंक (भारतीय नौसेना प्रश्नोत्तरी) के फाइनल में माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ का अभिभाषण।
नई दिल्ली | नवम्बर 23, 2023