“मुझे आज सुबह एआईएमए सम्मेलन में यहां आकर प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है और मैं भारत की प्रबंधन बिरादरी को संबोधित करने का अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद व्यक्त करता हूं।
अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) को उसके 49वें राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन के अवसर पर बहुत-बहुत बधाई।
कारोबार जगत के अग्रणियों, प्रशासकों, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों के इस उत्कृष्ट समूह के साथ मिलकर हर्ष की अनुभूति हो रही है। आप सभी भारत को बेहतर, स्मार्ट और सुदृढ़ बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
मैं इस सम्मेलन में भारत के लाभ पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एआईएमए की सराहना करता हूं। भारत के पास कई लाभ की स्थितियां हैं जैसे जनसांख्यिकी, भूगोल, अर्थव्यवस्था, शासन, प्रतिभा, प्रौद्योगिकी - जो भारत को विश्व स्तर पर सुदृढ़ बनाने के लिए सभी प्रमुख घटक हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था, जो अब विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, इस दशक के अंत तक तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की ओर अग्रसर है। कारोबारी सुगमता को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा गत कुछ वर्षों में किए गए प्रणालीगत सुधारों की श्रृंखला ने अत्यधिक लाभ की स्थिति उत्पन्न की है।
शासन प्रणाली के प्रत्येक चरण में पारदर्शिता और जवाबदेही परिलक्षित होने से लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था दोनों फलते-फूलते हैं। उद्योग जगत के अग्रणी अर्थव्यवस्था में दक्षता में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आज, भारत नए उद्यम, नई नौकरियां, नए निर्यात और विकास संबंधी समस्याओं के नए समाधान प्रस्तुत करके आर्थिक विकास का नेतृत्व करने के लिए अपनी उद्यमी पीढ़ी पर विश्वास कर रहा है। भारत के समृद्ध मानव संसाधनों को विश्व स्तर पर मान्यता प्रदान की गई है और विश्व स्तर पर भारत के अधिकतम लाभ के लिए उनका और अधिक उपयोग किए जाने करने की आवश्यकता है।
भारत का स्टार्ट-अप क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े र्स्टाट-अप क्षेत्रों में से एक है और छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटल उद्यमी दिखाई देने लगे हैं। विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र में भारत का विशाल कार्यबल भारत के आत्मनिर्भर बनने के मिशन की कुंजी भी है।
भारत आर्थिक विकास को गति देने के लिए देश की विशाल मानव पूंजी के लिए बहुआयामी कार्यक्रम चला रहा है। स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया मिशन भारत के उद्यमों और कार्यबल को विश्वस्तरीय बनाने के एक ही विजन के अलग-अलग भाग हैं। उद्योग जगत कार्यबल को बढ़ावा देने और नवीनतम कौशलों से संपन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उद्योग जगत की कृषि क्षेत्र के गुणात्मक उत्थान को उत्प्रेरित करने में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। अगर भारतीय किसान प्रगति करता है, तो भारत भी प्रगति करेगा।
आज के दौर में प्रौद्योगिकी को अपनाया जाना एक प्रमुख अंतर है। भारत शिक्षा से लेकर कारोबार और शासन तक लगभग हर चीज के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग में विश्व के अग्रणी देशों में से एक है।
विश्व के सभी देश वर्तमान में भारत की ओर देख रहे हैं। दक्षिण एशिया और हिंद महासागर में एक व्यवस्था का वैध रक्षक-विशुद्ध सुरक्षा प्रदाता' बनने के लिए भारत के पास आर्थिक और सैन्य बल और भौगोलिक आकार तथा विशिष्ट अवस्थिति है।
भारत इस वर्ष के अंत में जी20 समूह की अध्यक्षता करेगा और इससे भारत को वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक एजेंडे को आकार देने का एक और अवसर मिलेगा।
मुझे विश्वास है कि देश के अग्रणी उद्योगपति एक बार फिर भारत को आत्मनिर्भर बनाने के मिशन में अपनी भूमिका निभाएंगे। विश्वास है कि एआईएमए भारत की प्रबंधन बिरादरी का मार्ग प्रशस्त करती रहेगी और देश को अधिक कुशल और प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
एआईएमए नेतृत्व को उत्कृष्ट सम्मेलन आयोजित करने के लिए बधाई और एआईएमए के सभी प्रयासों के लिए उनको शुभकामनाएं।
20 सितंबर, 2022 को नई दिल्ली में अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) के 49 वें राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन के उद्घाटन के बाद माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ का संबोधन।
नई दिल्ली | सितम्बर 20, 2022