आज लेखापरीक्षा दिवस समारोह का हिस्सा बनकर मुझे अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है।
- सीएजी स्थापना दिवस, और इस अवसर पर 30वें महालेखाकार सम्मेलन का आयोजन करने के लिए बधाई।
- संविधान सभा में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर द्वारा सीएजी संस्था के विशेष महत्व का विस्तार से जिक्र किया गया था। उन्होंने कहा था:
“"मेरे विचार में यह गणमान्य व्यक्ति या अधिकारी संभवतः भारत के संविधान में सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी है। वह एक ऐसा व्यक्ति है जो यह देखेगा कि संसद द्वारा स्वीकृत खर्च संसद द्वारा निर्धारित किए गए खर्चों से अधिक या भिन्न तो नहीं हैं।"”
- यह वास्तव में संतोषजनक है कि समय के साथ-साथ एक संस्था के रूप में, नियंत्रक-महालेखापरीक्षक ने दृढ़ता की शक्ति का उदाहरण पेश किया है।
- यह उन्नत प्रास्थिति उस बुनियादी नेतृत्व का फल है जिससे यह संस्था लाभान्वित होती रही है।
- संस्था द्वारा अर्जित विश्वसनीयता उन उत्तरवर्ती नियंत्रक-महालेखापरीक्षकों के श्रमसाध्य प्रयासों के कारण है जिन्होंने इस संस्था को आज इस मुकाम पर पहुंचाया।
- सीएजी की प्रभावपूर्ण और समग्र कार्यप्रणाली ने पारदर्शी और जवाबदेह पारिस्थितिकी के विकासक्रम का सृजन किया है। ऐसे परिदृश्य ने हमारी विकास यात्रा में सकारात्मक रूप से योगदान दिया है।
- संविधान के अनुच्छेद 151 के तहत संवैधानिक उपबंधों के अनुसार सीएजी के प्रतिवेदनों को संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष और राज्यों के विधान-मंडलों के समक्ष भी रखा जाना आवश्यक है।
- यह अपेक्षा की जाती है कि ऐसे प्रतिवेदनों पर संसद सदस्यों और विधायकों द्वारा सम्यक् ध्यान दिया जाए और विचार किया जाए ताकि शासन में ईमानदारी, दक्षता और पारदर्शिता में सुधार हो और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
- सीएजी के श्रमसाध्य प्रयासों के अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे इससे विधायिका और कार्यपालिका द्वारा तालमेल और एकजुटता के साथ समय पर कार्रवाई सुनिश्चित हो सकेगी।
- हाल की एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में भारत ने दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल किया और दशक के अंत तक यह तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
- देश ने संरचनात्मक और संस्थागत सुधारों में तेजी से प्रगति करते हुए दुनिया में देश को एक आकर्षक अवसर और निवेश गंतव्य बनाया है।
- विश्व आज हमें सकारात्मक बदलाव के उत्प्रेरक के रूप में देख रहा है, जो कि उचित भी है।
- प्रत्येक व्यक्ति तक लाभों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक सेवा प्रदायगी में पारदर्शी जवाबदेही सुशासन के लिए अत्यधिक आवश्यक है। सीएजी द्वारा सतर्क प्रहरी के रूप में कार्य करते हुए इस कार्य को प्रभावी ढंग से संपादित और परिष्कृत कराया जा सकता है।
- आज के महालेखाकार सम्मेलन- 'साई इंडिया: कंट्रीब्यूटिंग टू इंडिया ऑनवर्ड एंड अहेड' की अत्यंत उपयुक्त थीम सराहनीय है।
- मुझे यकीन है कि यह विचार-विमर्श हमारी सतत् ऊर्ध्वगामी प्रगति में तेज़ी लाने की दृष्टि से अवसरों और चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- जवाबदेही और पारदर्शिता सहचर हैं जो हमारी लोकतांत्रिक प्रगति को फलने-फूलने और बनाए रखने में मदद करते हैं। इनके अभाव में भ्रष्टाचार और अक्षमता को बढ़ावा मिलता है। इस समस्या को जड़ से खत्म करने में सीएजी की बड़ी भूमिका है।
- हमें अपने सम्मुख मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए विश्वसनीय प्रणालियों का निर्माण और उनमें लगातार सुधार करते रहना होगा।
- स्व-लेखापरीक्षा (सेल्फ-ऑडिट) और अंशांकन से अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। राजकोषीय उपापराधों का समय से पता लगाना और प्रभावी परिणामी सुधार तंत्र सुझाना सीएजी की अनिवार्य बाध्यताएं हैं।
- लेखापरीक्षा सुशासन का एक शक्तिशाली और अपरिहार्य साधन है। यदि लेखापरीक्षा न की जाए या लेखापरीक्षा में दक्षता न हो तो पूरी व्यवस्था का निश्चित रूप से ह्रास होने लगता है। इससे सीएजी के फोकस की अनिवार्यता उजागर होती है। सरकारी संस्थाओं द्वारा लंबे समय तक बड़ी सार्वजनिक निधियों से संबंधित उपयोगिता प्रमाणपत्र प्रदान न किए जाने के मामलों में अनुकरणीय सुधारात्मक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
- लोक व्यय में त्रुटियों को पहचानकर और अपव्यय और फिज़ूलखर्ची को उजागर करके, सीएजी न केवल यह सुनिश्चित करता है कि सरकार आर्थिक दक्षता के साथ अपने वादे को पूरा करे, वरन साथ-ही-साथ वह अक्षमता और भ्रष्टाचार को समाप्त करने में भी मदद करता है।
- कार्यात्मक, जीवंत और प्रभावशाली सीएजी तंत्र इस बात का सबसे सुरक्षित आश्वासन है कि इच्छित लाभ वास्तव में अंतिम लाभार्थियों अर्थात् नागरिकों तक पहुंचें।
- यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि सीएजी ने कई नागरिक केंद्रित कार्यक्रमों, जैसे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली आदि, की लेखापरीक्षा को प्राथमिकता दी है। सीएजी का फोकस इस व्यवस्था को मजबूत प्रदायगी तंत्र में परिणत करेगा।
- इस प्रकार की लेखापरीक्षाओं के निष्कर्षों से अत्यंत महत्वपूर्ण इनपुट प्राप्त होंगे जो नागरिक केंद्रित योजनाओं के बेहतर नियोजन और प्रबंधन में सहायक होंगे।
- पारदर्शिता को बढ़ावा देने के मामले में सीएजी की अनुकरणीय सेवा के साथ डिजिटल क्रांति के संयोजन से हमारे देश में मूलभूत स्तर के लोकतंत्र को पुनर्जीवित कर रही है।
- इस महती संस्था को अपनी लेखापरीक्षा प्रक्रियाओं में आरंभिक स्तर पर जनता को शामिल करने के लिए विलक्षण और अभिनव तरीके खोजने चाहिए।
- वास्तव में, सीएजी को सरकारी योजनाओं की दक्षता, निगरानी और उनके द्वारा प्रदत्त परिणामों में सुधार लाने में एक सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
- यह जानना संतोषजनक है कि उभरती चुनौतियों से निपटने हेतु सीएजी अधिगम वक्र में आगे बने रहने के लिए अपने पेशेवर कौशल और परिपाटियों को उन्नत करने में निरंतर लगा हुआ है।
- एक आईटी-संचालित संस्था बनने और लेखापरीक्षा के लिए डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करने के लिए सीएजी की पहलों की मैं सराहना करता हूं।
- इससे सीएजी को दक्षता बढ़ाने तथा विश्लेषण और जोखिम आधारित लेखापरीक्षा करने में समर्थ होने में मदद मिली है।
- भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (सीएजी) ने विश्व की सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ एक मजबूत लेखापरीक्षा संगठन के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त की है।
- यह वर्षों से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के अनेक संगठनों का बाह्य लेखापरीक्षक रहा है।
- इसके अंतरराष्ट्रीय ऑडिट पोर्टफोलियो में,
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ), अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू), रासायनिक हथियार निषेध संगठन (ओपीसीओ) और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) समेत संयुक्त राष्ट्र के कई महत्वपूर्ण संगठनों की बाह्य लेखापरीक्षा शामिल है।
- इस अवसर पर, मैं विश्वविद्यालय के उन सभी सात छात्रों को भी बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने राष्ट्रीय ऑनलाइन निबंध लेखन प्रतियोगिता जीती है, और जो देश के विभिन्न हिस्सों से आज यहां हमारे बीच आए हैं।
- उन्होंने वर्तमान शासन के दृष्टिकोण के अनुरूप थीम पर असाधारण निबंध लिखे।
- मुझे विश्वास है कि यह महती संस्था अपनी प्रभाव-मूल्यांकन प्रक्रिया के मूलभूत स्तर पर जनता को शामिल करने के तरीके खोजती रहेगी तथा भ्रष्टाचार और राजकोषीय अदक्षता के विरुद्ध लड़ाई लड़ती रहेगी।
- सीएजी के अधिक अग्र-सक्रिय रुख के फलस्वरूप, सरकारी योजनाओं की दक्षता, निगरानी और पहुंच में सुधार होना तय है।
- इस अवसर पर, मैं इस सर्वोच्च लेखापरीक्षा प्राधिकरण और सभी अधिकारियों की उनके उच्च नैतिक मानकों के लिए सराहना करता हूं।
- मुझे यकीन है कि सीएजी आने वाले दिनों में और मजबूत और जीवंत बनकर उभरेगा।
- जय हिन्द!