‘लाल बहादुर शास्त्रीजी का जीवन हर किसी को हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखने के लिए प्रेरित करता है’: उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली
अक्टूबर 8, 2022

‘गांधीजी और शास्त्रीजी के भारत को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के विजन को साकार किया जा रहा है’
उपराष्ट्रपति ने प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजार में बढ़त हासिल करने के उद्देश्य से युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों में तेजी लाने का आह्वान किया
उपराष्ट्रपति ने आईआईएम, अहमदाबाद के पूर्व निदेशक डॉ. बकुल ढोलकिया को दिया उत्कृष्टता के लिए 23वां लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि दी और कहा कि “उनका जीवन हर किसी को हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखने की प्रेरणा देता है।” उन्होंने कहा कि शास्त्रीजी ने “इतिहास में सबसे निर्णायक दौर में से एक” के दौरान भारत का नेतृत्व किया और उनका नारा “जय जवान, जय किसान” हर भारतीय के दिल में गूंजता रहता है।

श्री धनखड़ उपराष्ट्रपति निवास में प्रख्यात शिक्षाविद् और अर्थशास्त्री, आईआईएम, अहमदाबाद के पूर्व निदेशक डॉ. बकुल ढोलकिया को उत्कृष्टता के लिए 23वां लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।

शास्त्रीजी के नेतृत्व के बारे में बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सादगी और दृढ़ संकल्प ने उन्हें इतिहास में एक अलग स्थान दिलाया। उन्होंने संकेत किया कि हरित क्रांति के माध्यम से आत्मनिर्भरता के लिए शास्त्री जी का आह्वान ‘आत्मनिर्भर भारत के शुरुआती अवतारों’ में से एक था। उन्होंने कहा कि “उनके और गांधीजी के भारत को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के विजन को पिछले कुछ वर्षों में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से साकार किया जा रहा है।”

एक पद्म पुरस्कार विजेता डॉ. बकुल ढोलकिया को उत्कृष्टता के लिए 23वें लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुने जाने पर बधाई देते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि “एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और अर्थशास्त्री के रूप में अंशदान के साथ, आईआईएम अहमदाबाद के निदेशक के रूप में उनका कार्यकाल खासा प्रभावशाली रहा है।”

उपराष्ट्रपति ने युवाओं के कौशल को बढ़ाने के लिए हाल के वर्षों में सरकार की पहलों का उल्लेख करते हुए प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजार में बढ़त हासिल करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों में कौशल सुधार के कदमों को और तेज करने का आह्वान किया।

भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास पर विचार करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि “वैश्विक व्यवस्था में भारत की आवाज को गंभीरता से सुना जा रहा है, जो पहले कभी नहीं हुआ। यह दौर उच्चतम वैश्विक बेंचमार्क की तुलना में बेहतर बुनियादी ढांचा विकास का गवाह बन रहा है।”

इस अवसर पर लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के चेयरमैन श्री अनिल शास्त्री, आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व निदेशक डॉ. बकुल ढोलकिया, लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक प्रो. प्रवीण गुप्ता और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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