'वसुधैव कुटुम्बकम' हमारे शिष्ट समाज के सदाचार संबंधी मर्म का प्रतिनिधित्व करता है– उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली
सितम्बर 14, 2022

उपराष्ट्रपति ने नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) के 62वें कोर्स को संबोधित किया

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि "वसुधैव कुटुम्बकम" (दुनिया एक परिवार है) की अवधारणा हमारे हमारे शिष्ट समाज के सदाचार संबंधी मर्म का प्रतिनिधित्व करती है।
नई दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज में आज 'इंडियाज कोर वैल्यूज इंट्रस्ट्स एंड ऑबजेक्टिव्स' पर एक व्याख्यान देते हुए उप-राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे संविधान की प्रस्तावना में हमारे कई मूल तत्वों का उल्लेख है। कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू की गई 'वैक्सीन मैत्री' पहल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इतिहास में भारत का दृष्टिकोण कभी भी विस्तारवादी नहीं रहा है।
भारत में रणनीतिक अध्ययन के सबसे दुर्जेय केंद्रों में से एक के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए एनडीसी की प्रशंसा करते हुए, श्री धनखड़ ने कहा कि इस महान संस्थान ने पिछले छह दशकों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिष्ठा और कद दोनों में वृद्धि की है।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार मागो, कमांडेंट नेशनल डिफेंस कॉलेज, फैकल्टी के सदस्य और 62वें एनडीसी कोर्स के प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

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