उपराष्ट्रपति ने युवा राजनयिकों को संबोधित करते हुए कहा- भारतीय संस्कृति और सभ्यता लोकाचार के संबंध में पूर्णता से अवगत रहें,आप हमेशा भारत के राजदूत और जमीनी प्रतिनिधि रहोगे
भारत आशा का प्रकाश स्तम्भ बन गया है -उपराष्ट्रपति
हमें प्रवासी भारतीयों पर गर्व है,उन्होंने हमें गौरवान्वित किया है-उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने भारतीय विदेश सेवा के 2022 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियो को संबोधित किया
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनकड ने युवा राजनयिकों से उत्प्रेरक वाहक बनने के लिए कहा जो मानवता के छठवें भाग का प्रतिनिधित्व करने वाले और विश्व की सबसे बड़े लोकतंत्र को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित राष्ट्रों की मंडली में उचित स्थान दिलाना सुनिश्चित कर सकें। आज उपराष्ट्रपति निवास में भारतीय विदेश सेवा के 2022 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अभूतपूर्व रुप से वैश्विक मंच पर अहम भूमिका निभा रहा है और उसे संपूर्ण विश्व में सम्मान प्राप्त हो रहा है।
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वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की सम्मानित स्थिति का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने निवेश और अवसरो के वैश्विक लक्ष्य के रुप में उभरने पर विशेष ध्यान देते हुए कहा कि भारत “बास्केट केस” से आशा का प्रकाश स्तम्भ बन कर उभरा है।
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विभिन्न क्षेत्रो में भारत की प्रगति का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत आज वैश्विक मंच में जिस भूमिका पर है,उसका वह लंबे समय से हकदार था। आज “भारत” शब्द का अभिप्राय ही सबके लिए पूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से प्राप्त किसी भी सुझाव को दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश भी गंभीरता से स्वीकार करते हैं।
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कूटनीति की बारीकी को स्वीकार करते हुए उपराष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों से भारत की संस्कृति,सभ्यता शिष्टता और पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी से युक्त रहने को कहा क्योंकि ये भारत को वैश्विक मंच पर अनूठा और अद्वितीय बनाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि संपूर्ण विश्व में कार्य करोगे और इस महान देश के ब्रैंड एंबेसडर रहोगे।
भारत के शक्तिशाली 3.2 करोड़ प्रवासियों की शक्ति के महत्व को स्वीकार करते हुए उपराष्ट्रपति ने देश में उनके योगदान और वैश्विक शक्ति के प्रतिनिधित्व को स्वीकार करते हुए कहा कि “हमें भारतीय प्रवासियों पर गर्व है,उन्होंने हमे गौरवान्वित किया है।“
इस अवसर पर श्रीमती(डॉ.) सुदेश धनकड़, उपराष्ट्रपति के सचिव श्री सुनील कुमार गुप्ता, सुषमा स्वराज विदेश सेवा संस्थान के डीन श्री गद्दाम धर्मेन्द्र,विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।