स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर उपराष्ट्रपति का राष्ट्र के नाम संदेश
“मैं भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के महत्वपूर्ण अवसर पर अपने सभी साथी नागरिकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
अमृत काल की इस शुरुआत में, जैसा कि हम पिछले 76 वर्षों की प्रगति और उपलब्धियों पर खुशी मनाते हैं, आइए हम अपने बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के असाधारण बलिदानों का सम्मान करें जिन्होंने भारत को स्वतंत्र होने में सक्षम बनाया। उनका अटूट साहस हमें प्रेरित करता है, और हमें अपनी स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों को कृतज्ञता के साथ संजोने की याद दिलाता है। आज, हम आधुनिक भारत के दूरदर्शी और वास्तुकारों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिनके अथक प्रयासों ने एक मजबूत, विविध और लचीले राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त किया।
इस ऐतिहासिक दिन पर, आइए हम एकता, न्याय, समानता और भाईचारे के मूल संवैधानिक सिद्धांतों के प्रति अपने समर्पण की पुष्टि करें। जैसे-जैसे हम हाथ में हाथ डालकर आगे बढ़ रहे हैं, आइए हम एक दृढ़, प्रगतिशील और समृद्ध भारत का निर्माण करें जो 'भारत' के समृद्ध सभ्यतागत लोकाचार का प्रतीक हो।''