उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन एकता नगर, गुजरात में सरदार @150 यूनिटी मार्च - राष्ट्रीय पदयात्रा के समापन समारोह में शामिल हुए
भारत सदैव सरदार पटेल का ऋणी रहेगा जिनके नेतृत्व में 560 से अधिक रियासतों का एकीकरण हुआ और अखंड भारत की नींव रखी गई: उपराष्ट्रपति
सरदार पटेल की एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वास्तविकता में बदल रही है: उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने पिछले दशक में आर्थिक, सामाजिक, सैन्य और रणनीतिक रूप से तेजी से प्रगति की है
भारत के युवा प्रतिभा के भंडार हैं और वे देश को नवाचार और विकास में एक वैश्विक नेता बना सकते हैं: उपराष्ट्रपति
भारत की रक्षा क्षमताएं कई गुना मजबूत हुई हैं; ऑपरेशन सिंदूर भारत के संकल्प को प्रदर्शित करने वाला एक निर्णायक क्षण है: उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने चार नई श्रम संहिताओं को श्रमिकों के लिए एक निष्पक्ष, समावेशी और प्रगतिशील ढांचे की दिशा में एक बड़ा कदम बताया
भारत के उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन आज गुजरात के एकता नगर स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में सरदार @150 यूनिटी मार्च-राष्ट्रीय पदयात्रा के समापन समारोह में शामिल हुए।
Hon’ble Vice-President Shri C. P. Radhakrishnan graced the Closing Ceremony of the Sardar@150 Unity March – National Padyatra at Ekta Nagar, Gujarat.
— Vice-President of India (@VPIndia) December 6, 2025
Addressing the gathering, the Vice President stated that India will always remain indebted to Sardar Patel, whose leadership… pic.twitter.com/PAeWEkf1oD
सभा को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस ऐतिहासिक राष्ट्रीय पदयात्रा के समापन में भाग लेना उनके लिए अत्यंत सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि पदभार ग्रहण करने के बाद महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल की पावन धरती की यह उनकी पहली आधिकारिक यात्रा है।
उन्होंने 26 नवंबर – संविधान दिवस – से शुरू होने वाली पदयात्रा के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि 1,300 से अधिक पदयात्राओं में 14 लाख से अधिक युवाओं की भागीदारी सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा जलाई गई एकता की अमिट ज्योति को दर्शाती है।
अपनी पदयात्रा जिसमें 19,000 किलोमीटर की रथ यात्रा और तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में नदियों को जोड़ने, आतंकवाद के उन्मूलन, समान नागरिक संहिता को लागू करने, अस्पृश्यता को समाप्त करने और मादक पदार्थों की रोकथाम जैसे मुद्दों पर की गई कई पदयात्राएं शामिल हैं – के अनुभवों को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी यात्राएं लोगों से जुड़ने और एकता एवं राष्ट्रीय उद्देश्य का संदेश फैलाने का सशक्त माध्यम हैं।
उन्होंने 560 से अधिक रियासतों के एकीकरण में सरदार पटेल की ऐतिहासिक भूमिका को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा:
"हमारा राष्ट्र अखंड भारत की मजबूत नींव रखने और उसके एकीकरण के लिए लौह पुरुष का सदैव ऋणी रहेगा।"
उपराष्ट्रपति ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरदार पटेल की एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में साकार हो रही है।
उन्होंने पिछले दशक में आर्थिक, सामाजिक, सैन्य और रणनीतिक रूप से भारत की तीव्र प्रगति के साथ-साथ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में इसकी निरंतर यात्रा का उल्लेख किया।
युवाओं को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे भारत के भविष्य की शक्ति हैं और एकता, अनुशासन और राष्ट्रीय उद्देश्य से निर्देशित होकर, वे राष्ट्र को नवाचार और विकास में एक वैश्विक नेता बना सकते हैं।
युवाओं से 'नशे को ना' कहने का आह्वान करते हुए, उन्होंने उन्हें सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से उपयोग करने और डिजिटल साक्षरता और साइबर सुरक्षा में योगदान देने की सलाह दी।
इस कार्यक्रम में महिलाओं की सशक्त उपस्थिति को स्वीकार करते हुए, उपराष्ट्रपति ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के परिवर्तनकारी प्रभाव का उल्लेख किया जिसने राष्ट्र का ध्यान महिला सशक्तिकरण से हटकर महिला-नेतृत्व वाले विकास पर केंद्रित कर दिया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा क्षमताएँ कई गुना बढ़ी हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को एक निर्णायक क्षण बताया जिसने अपनी संप्रभुता की रक्षा और सीमा पार आतंकवाद का मुकाबला करने के राष्ट्र के संकल्प को प्रदर्शित किया।
उन्होंने चार नई श्रम संहिताओं का एक बड़े सुधार के रूप में उल्लेख किया, जो सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के आदर्शों को दर्शाते हैं और भारत के श्रम ढांचे को एक आधुनिक, पारदर्शी और श्रमिक-केंद्रित प्रणाली में बदल रहे हैं।
अपने संबोधन का समापन करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि जैसे-जैसे राष्ट्र इस राष्ट्रव्यापी पदयात्रा का समापन विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा पर कर रहा है, यह न केवल सरदार पटेल की विरासत को बल्कि नए भारत की भावना को भी श्रद्धांजलि देता है। उन्होंने आगे कहा कि इस अमृत काल में, जब राष्ट्र विकसित भारत @2047 की ओर दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है, सरदार पटेल के आदर्श इसके मार्गदर्शक के रूप में काम करते रहेंगे।
इससे पहले, पदभार ग्रहण करने के बाद राज्य की अपनी पहली यात्रा पर, उपराष्ट्रपति को एकता नगर में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार वल्लभभाई पटेल को पुष्पांजलि भी अर्पित की।
Hon’ble Vice-President Shri C. P. Radhakrishnan was accorded a Guard of Honour at Ekta Nagar, Gujarat, upon his maiden visit to the state after assuming office. pic.twitter.com/IyUG3MmU5W
— Vice-President of India (@VPIndia) December 6, 2025
Hon’ble Vice-President Shri C. P. Radhakrishnan paid floral tributes to Sardar Vallabhbhai Patel at the Statue of Unity in Ekta Nagar. pic.twitter.com/Tq6g9YDWL7
— Vice-President of India (@VPIndia) December 6, 2025
करमसद से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक 180 किलोमीटर की 10 दिवसीय राष्ट्रीय पदयात्रा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण जागरूकता का प्रतीक थी। प्रधानमंत्री के विजन के तहत आयोजित इस यात्रा ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत के संदेश की पुष्टि की।
इस कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय पंचायती राज, मत्स्य पालन एवं पशुपालन मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, केंद्रीय श्रम और रोजगार तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री श्रीमती रक्षा खडसे, केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
Hon’ble Vice-President Shri C. P. Radhakrishnan was warmly welcomed by Hon’ble Governor of Gujarat Shri Acharya Devvrat, Hon’ble Chief Minister of Gujarat Shri Bhupendra Patel, and other dignitaries at Vadodara Airport upon his maiden visit to the state after assuming office.… pic.twitter.com/FxPpqCwfse
— Vice-President of India (@VPIndia) December 6, 2025
***









