उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से कहा - प्रेरक, प्रेरणादायक और परिवर्तन के केंद्र बनें
उपराष्ट्रपति ने युवा सिविल सेवकों से विनम्रता, सद्गुण और खुलेपन के माध्यम से अपने आचरण का उदाहरण प्रस्तुत करने को कहा
उपराष्ट्रपति ने कहा-आज एक ऐसा तंत्र है जहां कानून का शासन, जवाबदेही और पारदर्शिता मार्गदर्शक सिद्धांत हैं
उपराष्ट्रपति ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2021 बैच के अधिकारियों को संबोधित किया
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज युवा सिविल सेवकों से अपनी भूमिकाओं के निष्पादन में विनम्रता, सद्गुण और खुलेपन के माध्यम से अपने आचरण का अनुकरण करने का आह्वान किया। इस बात पर बल देते हुए कि समाज पर उनकी छाप अमिट होगी, उपराष्ट्रपति ने उनसे "प्रेरक, प्रेरणादायक और परिवर्तन का केंद्र" बनने का आग्रह किया क्योंकि नागरिक उन्हें आदर्श व्यक्तित्व के रूप में देखेंगे।
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उपराष्ट्रपति ने आज नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति निवास में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2021 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया कि वे ऐसे समय में लोक सेवा में प्रवेश कर रहे हैं जब देश में बड़े बदलाव लाने वाले परिवर्तन हो रहे हैं। राष्ट्रीय प्रगति के लिए महत्वपूर्ण मानव संसाधन के रूप में सिविल सेवकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बल देकर कहा कि अमृत काल में उनका योगदान बड़ा परिवर्तनकारी साबित होगा।
उपराष्ट्रपति ने देश में प्रचलित सरकारी पहलों के सक्षम इकोसिस्टम की सराहना करते हुए कहा कि इस वर्तमान माहौल में प्रत्येक युवा व्यक्ति अपने सपनों और आकांक्षाओं को साकार कर सकता है। उन्होंने देश की हालिया उपलब्धियों, जैसे बार-बार के प्रयासों के बाद नारी शक्ति वंदन अधिनियम का पारित होना और चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।
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अधिकारियों को "भारत@2047 के पैदल सैनिक" के रूप में संदर्भित करते हुए, उन्होंने बल देकर कहा कि शासन को चलाने और निर्णय लेने में भाग लेकर, वे बड़े वैश्विक कल्याण के लिए अपनी मातृभूमि की सेवा करेंगे।
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उपराष्ट्रपति ने यह उल्लेख करते हुए कहा कि एक समय था जब भ्रष्टाचार आम बात थी। उपराष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि "सत्ता के गलियारों को सत्ता के दलालों से मुक्त कर दिया गया है।" उन्होंने रेखांकित करते हुए कहा कि आज अधिकारियों के पास एक ऐसा इकोसिस्टम है जहां कानून का शासन, जवाबदेही और पारदर्शिता मार्गदर्शक सिद्धांत हैं, जो उन्हें व्यापक सार्वजनिक हित के लिए प्रभावी ढंग से काम करने में सक्षम बनाएगा।
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कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति के सचिव, श्री सुनील कुमार गुप्ता, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की सचिव, श्रीमती एस. राधा चौहान, अतिरिक्त सचिव, श्री राहुल सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।