उपराष्ट्रपति को जनजातीय कार्य मंत्रालय की प्रमुख पहलों और उपलब्धियों की जानकारी दी गई
उपराष्ट्रपति ने पिछले 11 वर्षों में जनजातीय कार्य बजट में हुई तीन गुना वृद्धि की सराहना की
उपराष्ट्रपति ने उच्च शिक्षा में जनजातीय नामांकन को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय-विद्यालयों के बीच बेहतर संपर्क पर ज़ोर दिया
उपराष्ट्रपति ने जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया से निपटने के लिए मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की
केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने आज मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संसद भवन में भारत के उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन से मुलाकात की।
Hon’ble Union Minister for Tribal Affairs, Shri Jual Oram, called on the Hon’ble Vice-President Shri C. P. Radhakrishnan, at Parliament House today, along with senior officials of the Ministry.
— Vice-President of India (@VPIndia) November 24, 2025
During the meeting, the Vice-President was briefed on various initiatives of the… pic.twitter.com/xlYcjfmc3b
बैठक के दौरान, उपराष्ट्रपति को जनजातीय आबादी के कल्याण के लिए मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों की जानकारी दी गई। बैठक में दी गई प्रस्तुति में जनजातीय अधिकारों की सुरक्षा के प्रयास, शिक्षा और स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने के उपाय, जनजातीय छात्रों के लिए छात्रवृत्तियाँ, जनजातीय संस्कृति के पुनरुद्धार के लिए कार्यक्रम, वित्तीय सहायता और पारंपरिक कौशल को उद्यम के रूप में बढ़ावा देने सहित आजीविका योजनाएँ, देश भर में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के आधुनिकीकरण और विस्तार की मंत्रालय की योजना, और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, पीएम-जनमन और आदि कर्मयोगी अभियान जैसी प्रमुख योजनाएँ शामिल थीं।
उपराष्ट्रपति को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के कल्याण के लिए लक्षित पहलों से भी अवगत कराया गया, जिसमें उनके आवास अधिकारों की सुरक्षा के उपाय भी शामिल हैं।
उपराष्ट्रपति ने पिछले 11 वर्षों में मंत्रालय के बजट परिव्यय में तीन गुना वृद्धि की सराहना की और जनजातीय छात्रों के लिए विदेश में अवसरों सहित गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक पहुँच बढ़ाने की ज़रुरत पर बल दिया। उन्होंने जनजातीय छात्रों के उच्च शिक्षा में सुचारू प्रवेश के लिए लगातार शैक्षणिक सहायता और निगरानी, स्कूल छोड़ने की प्रवृत्ति को रोकने और विश्वविद्यालयों और स्कूलों के बीच मज़बूत संबंध बनाने के महत्व पर भी ज़ोर दिया।
उपराष्ट्रपति ने जनजातीय समुदायों में सिकल सेल एनीमिया की समस्या को दूर करने और स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचे में गंभीर कमियों को खत्म करने के लिए मंत्रालय के केंद्रित प्रयासों की सराहना की। उन्होंने मंत्रालय से विभिन्न जनजातीय समुदायों के विस्मृत नायकों को उजागर करने और उन्हें लोकप्रिय बनाने तथा उनके योगदान को देश के लोगों के ध्यान में लाने का भी आग्रह किया।
यह दोहराते हुए कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनजातीय आबादी के सभी वर्गों तक पहुँचना चाहिए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि विकसित भारत का विज़न तभी साकार हो सकता है, जब जनजातीय समुदाय का पूरी तरह से उत्थान और कल्याण हो।
****









