50 प्रतिशत मानवता को न्याय सुनिश्चित किए बिना समाज विकसित नहीं हो सकता : उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने की सराहना की
जी-20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करना हमारे सभ्यतागत लोकाचार का प्रतिबिंब हैं : उपराष्ट्रपति
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) विश्व के लिए गेम-चेंजर है : उपराष्ट्रपति
लोकतंत्र और विकास के हत्यारे के रूप में भ्रष्टाचार के खिलाफ चेतावनी दी
प्रत्येक नागरिक को संसद में याचिका दायर करने की अनुमति है : उपराष्ट्रपति
अपने प्रतिनिधि को कटघरे में खड़ा करें, उपराष्ट्रपति ने जवाबदेही के महत्व को रेखांकित किया
उपराष्ट्रपति ने अनुसंधान और विकास की महत्ता पर बल दिय, विद्यार्थियों को नवाचार में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया
बिट्स पिलानी के पांच प्रशिक्षु आगामी शीतकालीन सत्र में राज्यसभा के सभापति की सहायता करेंगे
उपराष्ट्रपति ने बिट्स, पिलानी के विद्यार्थियों, कर्मचारियों और फैक्ल्टी सदस्यों को संबोधित किया
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज इस बात पर बल दिया कि जब तक पचास प्रतिशत मानवता के लिए न्याय सुनिश्चित नहीं किया जाता तब तक समाज का विकास नहीं हो सकता। उपराष्ट्रपति ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को एक 'युगीन विकास' के रूप में पारित करने की सराहना करते हुए इस बात पर बल दिया कि यह विधेयक महिलाओं के अधिकारों की मान्यता और उनके अधिकार की पुष्टि है।
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उपराष्ट्रपति ने आज राजस्थान में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) पिलानी के विद्यार्थियों और फैकल्टी सदस्यों को संबोधित करते हुए लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा को सबसे 'प्रभावी और प्रभावशाली' तंत्र बताया, जिससे भारत के विकास में तेजी आएगी।
श्री धनखड़ ने लोकतंत्र में परिवर्तन के एजेंट और हितधारकों के रूप में छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए उनसे अपने 'प्रतिनिधियों को कठघरे में खड़ा करने' का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया मंt जवाबदेही और नागरिक भागीदारी के महत्व को सुदृढ़ करते हुए प्रत्येक नागरिक को संसद में याचिका प्रस्तुत करने का अधिकार है।
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श्री धनखड़ ने जी-20 की अध्यक्षता में भारत की सफलता पर प्रकाश डालते हुए इस बात पर जोर दिया कि जी-20 सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करना भारत के सभ्यतागत लोकाचार के साथ गहराई से मेल खाता है। उपराष्ट्रपति ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर हस्ताक्षर को वैश्विक 'गेमचेंजर' के रूप में स्वीकार करते हुए रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत द्वारा निभाई गई भूमिका ने वैश्विक मंच पर ग्लोबल साउथ को मजबूत आवाज दी है।
एक दशक की अवधि में वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के बीच 'फ्रैजाइल फाइव' के सदस्य से 'बिग फाइव' में भारत के परिवर्तन पर विचार करते हुए श्री धनखड़ ने वैश्विक मंच पर वित्तीय समावेशन और डिजिटल लेनदेन में अपनी उपलब्धियों के लिए भारत को प्राप्त व्यापक प्रशंसा की ओर ध्यान आकर्षित किया।
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उपराष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार को 'लोकतंत्र और विकास का हत्यारा' बताते हुए कहा कि हाल के वर्षों में सत्ता के दलालों के प्रभाव वाले सत्ता गलियारों को प्रभावहीन करने के लिए महत्वपूर्ण प्रगति की गई है। इस बात पर बल देते हुए कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है श्री धनखड़ ने नागरिकों से 'हमारे संस्थानों को कलंकित करने, बदनाम करने और कमजोर करने वाली भारत विरोधी कहानियों' का सक्रिय रूप से मुकाबला करने का आह्वान किया।
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उपराष्ट्रपति ने बातचीत के दौरान अनुसंधान और विकास के सर्वोपरि महत्व को रेखांकित किया, उन विचारों की प्रधानता पर बल दिया जो नवाचार का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि बिट्स पिलानी के पांच प्रशिक्षु संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में राज्यसभा के सभापति की सहायता करेंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय कानून और न्याय, संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, बिट्स पिलानी के कुलपति प्रो. वी. रामगोपाल राव, निदेशक प्रोफेसर सुधीर कुमार बरई, फैकल्टी सदस्य, छात्र और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।