उपराष्ट्रपति ने मीडिया से न्यायपालिका के बारे में रिपोर्टिंग करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने का आग्रह किया

जबलपुर
सितम्बर 18, 2022

उपराष्ट्रपति ने स्वर्गीय न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा के पथ-प्रवर्तक फैसलों और विचारों के लिए उनकी प्रशंसा की
श्री धनखड़ ने जबलपुर में आयोजित पहले 'न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा स्मृति व्याख्यान' में भाग लिया
उपराष्ट्रपति राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के 'बलिदान दिवस' समारोह में शामिल हुए

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज मीडिया से न्यायपालिका के बारे में रिपोर्टिंग करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायाधीशों की गरिमा और न्यायपालिका के प्रति सम्मान को हर हाल में बनाए रखा जाना चाहिए, क्योंकि ये विधि के शासन और संविधानवाद के मूल तत्व हैं।
आज जबलपुर, मध्य प्रदेश में आयोजित प्रथम 'न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा स्मृति व्याख्यान' में मुख्य अतिथि के तौर पर अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक सुदृढ़, निष्पक्ष और स्वतंत्र न्याय प्रणाली लोकतांत्रिक मूल्यों के फलने-फूलने की सबसे सुरक्षित गारंटी है। उन्होंने कहा, "निर्विवाद रूप से लोकतंत्र का सर्वोत्तम पोषण तब होता है, जब सभी संवैधानिक संस्थाएं आपस में पूर्ण समन्वय के साथ और अपने-अपने कार्यक्षेत्र की सीमाओं में रहकर कार्य करती हैं।"
इस महती सभा में पहला 'न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा स्मृति व्याख्यान' उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने दिया। राजस्थान उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति वर्मा के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में हुई अपनी बहुत-सी चर्चाओं को याद करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि न्यायिक परिवेश को बेहतर बनाना तथा पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना उनके कार्यकाल की विशेषताएं रही हैं।
समाज पर दूरगामी प्रभाव डालने वाले कई फैसले देने के लिए न्यायमूर्ति वर्मा की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि विशाखा मामले में उनके ऐतिहासिक फैसले ने, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से महिलाओं की विशिष्ट सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था हेतु उचित संरचना के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। साथ ही उन्होंने कहा, "स्वर्गीय न्यायमूर्ति जगदीश शरण वर्मा को हमेशा उन पथ-प्रवर्तक निर्णयों और विचारों के लिए याद किया जाएगा, जिन्होंने नागरिकों को सशक्त बनाया है और सरकार को लोगों के कल्याण के लिए संस्थाओं में समग्र सुधार करने में सक्षम बनाया है"।
भारत में संघवाद से लेकर पंथनिरपेक्षता तक और महिलाओं के प्रति न्याय के उत्प्रेरक के तौर पर कानूनों के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करने वाले न्यायमूर्ति वर्मा के बारे में उल्लेख करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि उनका जीवन और विचार हमें और आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित और प्रोत्साहित करते रहेंगे।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल; मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज चौहान; उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल; उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी; मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमथ; लोक सभा के सदस्य श्री राकेश सिंह; राज्य सभा के सदस्य और जे.एस. वर्मा स्मृति समिति के अध्यक्ष श्री विवेक के. तन्खा और स्वर्गीय न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा के परिवार के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
उपराष्ट्रपति ने राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह को श्रद्धांजलि दी
स्मृति व्याख्यान के बाद उपराष्ट्रपति ने राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। तत्पश्चात्, वह मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह, जो 1857 में अंग्रेजों के विरुद्ध पहले स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान शहीद हुए थे, के 'बलिदान दिवस' की स्मृति में आयोजित एक समारोह में भाग लेने के लिए जबलपुर स्थित पशु-चिकित्सा कॉलेज परिसर गए।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री धनखड़ ने इस तथ्य पर संतोष व्यक्त किया कि 'आजादी का अमृत महोत्सव' समारोह के अंग के रूप में हमारे जनजातीय समुदाय के नायकों के योगदान और बलिदान को मान्य किया जा रहा है और उन्हें विशेष महत्व दिया जा रहा है।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्षों में पहली बार किसी जनजातीय महिला को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर देखना हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है।
मध्य प्रदेश में देश की सबसे बड़ी जनजातीय आबादी होने का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि रानी दुर्गावती से लेकर राजा शंकर शाह तक, जनजातीय समुदायों का बाहरी आक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध का गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों की ऐसे स्मारकों और संग्रहालयों का निर्माण कराने के लिए सराहना की जो हमारे जनजातीय नायकों की कथाओं को रेखांकित करते हैं, ताकि इनसे हमारी युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती रहे।
इस अवसर पर, श्री धनखड़ ने भारत के स्वतंत्रता-संघर्ष पर आयोजित एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया और स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखे। उपराष्ट्रपति ने विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास भी किया और मेधावी जनजातीय छात्रों और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को बधाई दी।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई सी. पटेल; मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान; केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गनसिंह कुलस्ते; मध्य प्रदेश सरकार की जनजातीय कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह; मध्य प्रदेश सरकार के वन विभाग के मंत्री श्री कुंवर विजय शाह; मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री श्री गोपाल भार्गव; राज्य सभा सदस्य श्रीमती सुमित्रा बाल्मीकि; लोक सभा सदस्य श्री वी.डी. शर्मा; लोक सभा सदस्य श्री राकेश सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

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