उपराष्ट्रपति ने धर्मगुरुओं और मीडिया से लोगों को अंग दान के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की
उपराष्ट्रपति ने अंग दान के लिए एक सहायक प्रणाली बनाने की आवश्यकता पर बल दिया
श्री धनखड़ 'दधीचि देह दान समिति' द्वारा आयोजित 'स्वस्थ सबल भारत सम्मेलन' में शरीर-अंग दान हेतु राष्ट्रीय अभियान के उद्घाटन में शामिल हुए
उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने आज धर्मगुरुओं और मीडिया से इस महत्वपूर्ण विषय पर लोगों के संदेह को दूर करके एवं उनमें जागरूकता उत्पन्न कर उन्हें अंग दान के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की।
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आज नई दिल्ली में 'दधीचि देह दान समिति' द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शरीर-अंग दान हेतु राष्ट्रीय अभियान के शुभारंभ के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने अंग दान को एक संवेदनशील मुद्दा बताया और अंग दान के लिए एक सहायक प्रणाली बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस संबंध में सही पारिस्थितिकीय तंत्र के निर्माण के प्रयास के लिए 'दधीचि देह दान समिति' की प्रशंसा करते हुए उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि ये प्रयास पारिवारिक स्तर तक पहुंचें। उन्होंने यह भी कहा कि "इस अभियान में मीडिया और सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। हर मीडियाकर्मी को इस शुभ संदेश को फैलाने में अपना योगदान देना चाहिए"।
आज 'महर्षि दधीचि जयंती' के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए श्री धनखड़ ने सभी से "हमारी अपनी प्रसन्नता के लिए और समाज को वापस लौटाने के लिए" इस महान संत के जीवन और दर्शन का अनुकरण करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश की साध्वी भगवती सरस्वती द्वारा "सकारत्मकता से संकल्प विजय का" नामक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। विमोचन के बाद पूज्य साध्वी जी ने इस पुस्तक की पहली प्रति माननीय उपराष्ट्रपति को भेंट की।
डा. हर्षवर्धन, संसद सदस्य, श्री सुशील मोदी, संसद सदस्य, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं 'दधीचि देह दान समिति' के संरक्षक श्री आलोक कुमार, अंग दाताओं के परिवार के सदस्य, 22 राज्यों के गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, डॉक्टर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।